Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Oct, 2017 11:06 AM
सेवा केंद्रों का स्वरूप बदलने और इसका कामकाज सुधरने में अभी कुछ समय और लग सकता है क्योंकि प्रदेश सरकार द्वारा इस संबंधी फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया जा सका है। प्रदेश में कई वर्षों तक कामयाबी के साथ चलने वाला सुविधा सैंटर प्रोजैक्ट दोबारा शुरू होगा या...
जालंधर(अमित): सेवा केंद्रों का स्वरूप बदलने और इसका कामकाज सुधरने में अभी कुछ समय और लग सकता है क्योंकि प्रदेश सरकार द्वारा इस संबंधी फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया जा सका है। प्रदेश में कई वर्षों तक कामयाबी के साथ चलने वाला सुविधा सैंटर प्रोजैक्ट दोबारा शुरू होगा या नहीं इसको लेकर भी असमंजस बरकरार है।
नगर निगम के चुनावों के मद्देनजर फिलहाल इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। चुनावों के पश्चात इस तरफ अवश्य गौर किया जा सकता है। हालांकि इस बात को लेकर अभी कुछ साफ नहीं है कि सेवा केंद्रों में सुधार कैसे लाया जाएगा क्योंकि प्रदेश के सारे डिप्टी कमिश्नरों ने चीफ सैक्रेटरी के पास अपनी-अपनी रिव्यू रिपोर्ट चाहे भेज दी है मगर इस बात को लेकर आमराय नहीं बन सकी है कि कितने सेवा केंद्र बंद होंगे और कितने जारी रहेंगे या फिर सारे सेवा केंद्र डिप्टी कमिश्नरों के अधीन आएंगे या नहीं।
गौर हो कि अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा शुरू किए गए अति महत्वाकांक्षी प्रोजैक्ट सेवा केंद्र जो शुरू से ही विवादों में घिरे रहे हैं और इसकी वजह से मौजूदा कांग्रेस सरकार की भी किरकिरी हो रही है।
सरकार ने प्रदेश के सारे डिप्टी कमिश्नरों को पत्र लिखकर उनसे पूछा था कि अगर सेवा केंद्रों को बंद किया जाता है तो उस सूरत में इसका विकल्प क्या हो सकता है? इसके साथ ही अगर सेवा केंद्र चालू रखे जाते हैं तो उस सूरत में जनता को बेहतर सुविधाएं कैसे प्रदान की जा सकती हैं? डिप्टी कमिश्नरों द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर सरकार इसको लेकर अंतिम फैसला लेगी, जो फिलहाल पैंडिंग पड़ा हुआ है।