Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Sep, 2017 01:36 AM
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डी.एस.जी.एम.सी.) ने केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से अपील की...
पटियाला(परमीत): दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डी.एस.जी.एम.सी.) ने केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से अपील की है कि वह आस्ट्रेलिया के क्वींजलैंड में शिक्षा विभाग की तरफ से स्कूलों में कृपाण धारण करने पर पाबंदी का मामला उठाएं क्योंकि इसके साथ वहां के सिख विद्यार्थियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
सुषमा स्वराज को लिखे पत्र में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव मनजिंद्र सिंह सिरसा ने कहा कि उनके ध्यान में आया है कि क्वींजलैंड आस्ट्रेलिया में शिक्षा विभाग की तरफ से सिख विद्यार्थियों के कृपाण धारण करने पर पाबंदी लगा दी गई है, जिस कारण विद्यार्थियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और उनके साथ भेदभाव हो रहा है। सिरसा ने कहा कि पिछले साल स्कूल के अधिकारियों ने पुलिस विभाग के साथ सलाह-मशविरे के बाद सिख विद्यार्थियों को कृपाण धारण करने की छूट दे दी थी परंतु शिक्षा विभाग ने स्कूल के प्रिंसिपल के फैसले को रद्द कर दिया है।
उन्होंने केंद्रीय विदेश मंत्री से मांग की कि वह यह मामला तुरंत आस्ट्रेलिया के अधिकारियों के समक्ष उठाएं। उन्होंने कहा कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी सिखों की प्रतिनिधि संस्था है और इसलिए भाईचारे के सदस्यों के प्रति जवाबदेह है। उनको आशा है कि विदेश मंत्रालय के दखल के बाद सिखों के साथ हो रहा यह भेदभाव खत्म होगा और उनकी परेशानी दूर होगी।
40 सिख परिवारों के उजाड़े का मामला राज्यपाल के समक्ष उठाया
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव मनजिंद्र सिंह सिरसा के नेतृत्व में असम और मेघालय दौरे पर गए सिख प्रतिनिधिमंडल ने आज असम और मेघालय के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के साथ मुलाकात करके शिलांग में 40 सिख परिवारों को छावनी बोर्ड द्वारा उजाड़े जाने का मामला उठाया। इस प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल पुरोहित के साथ मुलाकात की और उनको बताया कि पिछली 2 सदियों से यहां रह रहे 40 सिख परिवारों और हिन्दू और ईसाई भाईचारे के कुछ परिवारों के क्वार्टर छावनी बोर्ड के अधिकारियों की तरफ से गिरा दिए गए हैं जोकि बड़ी नाइंसाफी है।