Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Dec, 2017 05:20 PM
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल पर सियासी हमला और तेज कर दिया है। अकालियों द्वारा नैशनल हाईवे पर धरना देने व यातायात को जाम करने के मुद्दे पर पंजाब कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा है कि अगर पंजाब व...
जालन्धर (धवन): पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल पर सियासी हमला और तेज कर दिया है। अकालियों द्वारा नैशनल हाईवे पर धरना देने व यातायात को जाम करने के मुद्दे पर पंजाब कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा है कि अगर पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में सुखबीर के खिलाफ नैशनल हाईवे जाम करने के दोष सिद्ध हो गए तो उन्हें अदालत भविष्य में चुनाव लडऩे के लिए अयोग्य ठहरा सकती है। उन्होंने नैशनल हाईवे एक्ट का हवाला देते हुए कहा है कि इसमें स्पष्ट लिखा है कि आम जनता की आवाजाही में विघ्न डालने की किसी को अनुमति नहीं है।
उन्होंने कहा कि अकाली दल द्वारा दिए गए धरनों की वीडियोग्राफी हुई है। यह धरना नैशनल हाईवे पर दिया गया जिससे 2 दिनों में 3 लाख वाहनों को आने-जाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि अकालियों के खिलाफ दर्ज केस की गंभीरता बहुत अधिक है। केवल वीडियोग्राफी ही एकमात्र पुख्ता सबूत हैं जो अकाली नेताओं को धरना देने के लिए दोषी ठहरा सकती है। कांग्रेस नेता ने कहा कि न केवल अकालियों ने नैशनल हाईवे को ब्लाक किया बल्कि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने तो एक कदम आगे बढ़ते हुए अपनी सरकारी गाड़ी हाईवे पर लगाकर यातायात जाम कर दिया। यह गाड़ी उन्हें सुरक्षा कारणों से उपलब्ध करवाई गई है। इसका दुरुपयोग धरनों के लिए नहीं किया जा सकता है। अगर हाईकोर्ट ने उनकी गाड़ी के दुरपयोग का नोटिस ले लिया तो उन्हें लेने के देने पड़ जाएंगे।
जाखड़ ने कहा कि सुखबीर ने पहले तो धरना देने को जायज ठहराया परन्तु बाद में जब गलती का एहसास हुआ तो उन्होंने लोगों से माफी मांगी। अगर गलतियां करके माफी मांगनी है तो फिर ऐसे राजनीतिज्ञ की दूर दृष्टि का पता चलता है। उन्होंने कहा कि सुखबीर तो चाहते हैं कि सरकार उन्हें गिरफ्तार कर ले ताकि वह शहादत का मामला लेकर अकाली वर्करों व जनता के बीच में जा सके परन्तु सरकार उन्हें ऐसा मौका नहीं देगी।कांग्रेस सरकार सुखबीर को शहादत का जाम भी पीने नहीं देगी इसलिए सरकार ने पूरा मामला हाईकोर्ट पर छोड़ दिया है। हाईकोर्ट जो भी दिशा-निर्देश सरकार को देगी उसकी पालना अमरेन्द्र सरकार द्वारा अवश्य की जाएगी।