Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Aug, 2017 05:31 PM
पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा है कि पंजाब सरकार द्वारा नए उद्योगों के साथ साथ पुराने उद्योगों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा
जालंधर (धवन): पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा है कि पंजाब सरकार द्वारा नए उद्योगों के साथ साथ पुराने उद्योगों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा क्योंकि मौजूदा कांग्रेस सरकार की नीति है कि मौजूदा उद्योगों को वही सहूलियतें सरकार से मिलनी चाहिएं जो वह नए उद्योगों को देने जा रही है। पंजाब बासमती राइस मिलर्स के प्रतिनिधिमंडल ने आज जाखड़ के सामने छोटे व मध्यम वर्ग की बासमती इंडस्ट्री को मंडी शुल्क तथा रूलर डिवैल्पमैंट फंड जैसे करों से राहत दिलवाने की मांग की।
बासमती राइस मिलर्स के अध्यक्ष बाल कृष्ण बाली तथा रंजम कामरा ने आज अपनी इंडस्ट्री से संबंधित ज्ञापन जाखड़ को दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में बासमती फसल को प्रोत्साहित करने के लिए मंडीकरण शुल्क, रूलर डिवैल्पमैंट फंड जैसे सभी टैक्स बासमती उद्योग से हटा दिए गए थे, लेकिन 2015 में अकाली भाजपा गठबंधन सरकार ने 4 प्रतिशत मंडी शुल्क के साथ साथ कैंसर सैस जैसे टैक्स भी लगा दिए। हालांकि यह टैक्स प्रणाली सिर्फ छोटे बासमती उद्योगों पर हुई है क्योंकि मैगा यूनिट की स्थापना के लिए सरकार द्वारा बनाई गई नीति में मंडी शुल्क, पंजाब आधारभूत ढांचा फंड सहित बिजली की एक्साइज डयूटी व सेल्स टैक्स पर भी रियायत दी हुई है। ऐसे में छोटे उद्योग मैगा प्रोजैक्ट के साथ मुकाबला करने में असमर्थ हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने जाखड़ को बताया कि आने वाले सीजन के दौरान सारी बासमती इंडस्ट्री पर 1 प्रतिशत का एक समान टैक्स लगाया जाए। इसके साथ ही जो बासमती के उद्योग व्यापारिक नुक्सान के चलते बंद हुए हैं, सरकार उन्हें बैंकों से रिस्ट्रक्चर पालिसी के तहत ब्याज मुक्त कर्जा उपलब्ध करवाए। शिष्टमंडल ने कहा कि एक समान टैक्स प्रणाली के होने के कारण छोटे उद्योग बंद होने के कगार पर हैं। जाखड़ ने उनकी मुश्किलें सुनने के बाद कहा कि सभी समस्याएं मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह के ध्यान में लाकर हल करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री पहले भी व्यापारियों की मुश्किलों को जानने के लिए उनसे बैठक कर चुके हैं। 5 सितम्बर को मुख्यमंत्री ने पुन: व्यापारियों की समस्याएं सुनने के लिए बैठक रखी है। इस बैठक में बासमती उद्योग की समस्याएं भी मुख्यमंत्री के सामने रखी जाएंगी। उन्होंने कहा कि अमरेन्द्र सरकार द्वारा उद्योगों को 5 रुपए प्रति यूनिट बिजली देना सबसे बड़ी राहत है, जिसे 5 वर्षों तक जारी रखा जाएगा।