Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Oct, 2017 09:43 AM
सैंड माइनिंग स्कैम में राणा गुरजीत सिंह की दूसरी कंपनी की संलिप्तता का नया खुलासा करते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने मामले की सी.बी.आई. से जांच की मांग दोहराई है। मंगलवार को खैहरा ने आरोप लगाया कि उनके द्वारा सिंचाई व बिजली...
चंडीगढ़ (शर्मा): सैंड माइनिंग स्कैम में राणा गुरजीत सिंह की दूसरी कंपनी की संलिप्तता का नया खुलासा करते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने मामले की सी.बी.आई. से जांच की मांग दोहराई है।
मंगलवार को खैहरा ने आरोप लगाया कि उनके द्वारा सिंचाई व बिजली मंत्री के स्वामित्व वाली आर.जी.एस. ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विवादित खड्डों की नीलामी में 36 लाख रुपए का निवेश करने को साबित करने के बाद अब नए तथ्य सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि दस्तावेजी सबूतों के अनुसार राणा गुरजीत सिंह की एक और कंपनी आर.जे. टैक्सफैब प्राइवेट लिमिटेड की ओर से राजबीर एंटरप्राइसिज जिसने कि सैदपुर खुर्द और महदीपुर की स्कैंडल वाली रेत खड्डों के लिए लगभग 18 करोड़ रुपए जमा करवाए थे, के खातों में सीधे तौर पर 4.52 करोड़ रुपए जमा करवाए गए।
उन्होंने कहा कि यह बताने की जरूरत नहीं कि अमित बहादुर और कुलविंद्र पाल जिनको खनन के लिए खड्डें अलॉट हुई थीं उन्होंने अपने खाते से कोई भी पैसा जमा नहीं करवाया जो कि नारंग कमीशन अनुसार नीलामी नोटिस की शर्तों नंबर 5, 22 और 25 का सरेआम उल्लंघन है। पत्रकार वार्ता के पश्चात मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह को लिखे पत्र में खैहरा ने आरोप लगाया कि वह तथ्यों के बावजूद दागी मंत्री के बचाव में बयान दे रहे हैं जो कि दुख का विषय है। खैहरा ने अपने पत्र में कहा है कि यदि जस्टिस नारंग ने अपनी रिपोर्ट में बताए गए 23 व्यक्तियों और कंपनियों की पृष्ठभूमि अच्छी तरह से जांची होती तो नीलामी में राणा गुरजीत सिंह की संलिप्तता का सच सामने आ जाता। खैहरा ने कै. अमरेंद्र सिंह से मांग की है कि घोटाले पर आत्ममंथन कर भ्रष्ट मंत्री के खिलाफ सी.बी.आई. जांच के आदेश दें।