Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Jul, 2017 12:49 PM
सतलुज यमुना ङ्क्षलक नहर को लेकर एक तरफ जहां खींचतान व हालात खराब होने का माहौल बना हुआ है,
चंडीगढ़ (रमनजीत): सतलुज यमुना ङ्क्षलक नहर को लेकर एक तरफ जहां खींचतान व हालात खराब होने का माहौल बना हुआ है, वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने कांग्रेस व कैप्टन अमरेंद्र सिंह पर निशाना साध लिया है। खैहरा ने पूछा है कि यदि 10 जुलाई को एस.वाई.एल. पर फैसला पंजाब के खिलाफ आ गया तो क्या कै. अमरेंद्र सिंह व कांग्रेस विधायक फिर से इस्तीफा देंगे जैसा कि नवम्बर 2016 में किया गया था? या फिर यह साबित हो जाएगा कि उक्त इस्तीफे सिर्फ ड्रामा ही थे।
खैहरा ने कहा कि कै. अमरेंद्र सिंह ने संसद से और 46 कांग्रेसी विधायकों ने नवम्बर 2016 में एस.वाई.एल. मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में इस्तीफा दिया था। ऐसे ही हालात 10 जुलाई को भी बनने की संभावना है, जब इस गंभीर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट फैसला देगी।
खैहरा ने कहा कि यह तथ्य है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नवम्बर में प्रैजीडैंशियल रैफरैंस पर सुनवाई करते हुए तत्कालीन कै. अमरेंद्र सिंह की सरकार की तरफ के पास किए गए टर्मिनेशन ऑफ वाटर एग्रीमैंट एक्ट 2004 को गैर-संविधानिक करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने एस.वाई.एल. नहर जल्द से जल्द बनाने के आदेश दिए थे। पंजाब की तरफ से मौजूदा पानी का माप करवा कर फैसला लेने संबंधी की गई अपीलों का भी कोई प्रभाव नहीं हुआ था। खैहरा के मुताबिक इस गंभीर मुद्दे पर आपसी सहमति के साथ हल ढूंढने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से पंजाब और हरियाणा के बीच करवाई गई बैठकें भी असफल रहीं इसलिए अब यह लगभग साफ है कि कल सुप्रीम कोर्ट एस.वाई.एल. नहर के समयबद्ध निर्माण संबंधी सख्त फैसला सुनाएगी।