Edited By Updated: 27 Mar, 2017 10:54 AM
बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बी.आर. टी.एस.) प्रोजैक्ट घाटे में चल रहा है। पूर्व डिप्टी सी.एम. सुखबीर सिंह बादल का यह ड्रीम प्रोजैक्ट था, जिस पर उन्होंने पूरा जोर लगा दिया, लेकिन उनके कार्यकाल में यह प्रोजैक्ट पूरा नहीं हो पाया।
अमृतसर(रमन): बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बी.आर. टी.एस.) प्रोजैक्ट घाटे में चल रहा है। पूर्व डिप्टी सी.एम. सुखबीर सिंह बादल का यह ड्रीम प्रोजैक्ट था, जिस पर उन्होंने पूरा जोर लगा दिया, लेकिन उनके कार्यकाल में यह प्रोजैक्ट पूरा नहीं हो पाया। उन्होंने पहले चरण के प्रोजैक्ट का शुभारंभ विधानसभा चुनावों को लेकर आनन-फानन में 15 दिसम्बर 2016 को किया, लेकिन अब इस प्रोजैक्ट की हवा निकल चुकी है। दूसरे कॉरीडोर का काम फरवरी माह में शुरू किया गया, लेकिन बाकी काम अधूरा पड़ा हुआ है। पहले चरण में शुरू इंडिया गेट से लेकर रेलवे स्टेशन वाले रूट पर चल रही बी.आर. टी.एस. बस में केवल चार या पांच सवारियां ही बैठी होती हैं। इस रूट पर 8 बसें चल रही हैं।
दूसरे कॉरीडोर वेरका, मॉल रोड, कचहरी चौक पर 8 बसें शुरू की गई हैं, लेकिन इस कॉरीडोर पर भी मैट्रो बस को रिस्पांस नहीं मिला व नाममात्र ही सवारियां होती हैं। इस प्रोजैक्ट की लागत लगभग 550 करोड़ रुपए है। इसमें 93 बसें चलनी हैं, अभी दोनों कॉरीडोर में 16 बसें चल रही हैं, जिनमें 50 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं व बाकी की 40 से अधिक बसें बी.आर.टी.एस. बस स्टैंड पर खड़ी हैं। अधिकारियों की नालायकी की वजह से निर्धारित समय से काफी देरी के बाद इस प्रोजैक्ट का कुछ हिस्सा ही शुरू हुआ है।
ये हैं रूट
बी.आर.टी.एस. रूट अंतर्राज्यीय बस अड्डा, रेलवे स्टेशन, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी शिक्षण संस्थाएं, शॉपिंग वाली जगह, वेरका, न्यू अमृतसर व छहर्टा को आपस में जोड़ेगा। पहले चरण में इंडिया गेट से रेलवे स्टेशन के कॉरीडोर तक की शुरूआत की जा रही है। दूसरे चरण में बाईपास विजय नगर, मॉल रोड, किचलू चौक, रेलवे स्टेशन, वेरका टाऊन शुरू हुआ है। अब आखिर में रेलवे स्टेशन भंडारी पुल से बस स्टैंड व बस स्टैंड से अटारी गेट को कॉरीडोर शुरू किया जाना है।
पूर्व सरकार ने लोगों का पैसा उक्त प्रोजैक्ट पर बर्बाद किया : आर.टी.आई. एक्टिविस्ट
बी.आर.टी.एस. प्रोजैक्ट को लेकर आर.टी.आई. एक्टिविस्ट रजिंद्र शर्मा ने खुलासा किया कि शहर में मैट्रो बस सेवा रोज घाटे में चल रही है, पूर्व सरकार ने लोगों का पैसा उक्त प्रोजैक्ट पर बर्बाद किया है एवं मैट्रो बस चलाने हेतु महानगर में जो करोड़ों रुपयों की राशि खर्च की गई है और इस बाबत जो लक्ष्य रखा गया था, वह लक्ष्य पूरा होना किसी भी पहलू से दिखाई नहीं देता। मैट्रो बस सेवा के अंतर्गत नगर में अनेक बसें अपने निश्चित स्थान से निश्चित स्थान की ओर चल रही हैं, लेकिन किसी भी बस में लगभग चार-पांच से ज्यादा यात्री नहीं होते हैं।
सरकार बदली, प्रोजैक्ट में देरी
पिछली सरकार ने अंतिम दिनों में तेजी से काम करवाया था, लेकिन अब सरकार बदल चुकी है, अब प्रोजैक्ट की तरफ कम ध्यान दिया जा रहा है। दिखावे के लिए 93 में से 16 बसें चल रही हैं व 40 बसें बी.आर.टी.एस. बस स्टैंड वेरका बाईपास में धूल फांक रही हैं और प्रोजैक्ट के पूरा होने का इंतजार कर रही हैं। प्रोजैक्ट व फ्लाईओवरों का काम अधूरा है। भंडारी पुल के पास रेलवे लाइन पर बनने वाले ब्रिज को प्रोजैक्ट में देरी का कारण बताया जा रहा है, शेष प्रोजैक्ट भगवान आसरे है। अधिकारी इस प्रोजैक्ट को अभी तक पूरा नहीं करवा सके, बाद में इसे कौन करवाएगा। अधिकारियों ने बताया था कि फरवरी माह तक सारा प्रोजैक्ट शुरू हो जाएगा, लेकिन अभी दिसम्बर माह वाला कॉरीडोर ही फरवरी माह में शुरू हुआ है, अधिकारियों द्वारा इस प्रोजैक्ट में काफी देरी की गई है।
एक बस करती है 180 कि.मी. का सफर
हर रोज शहर के दोनों कॉरीडोर में 16 बसें चल रही हैं। एक बस हर रोज 180 कि.मी. का सफर करती है। इन बसों में सवारियां कम होती हैं, जिससे इन बसों के डीजल का भी खर्चा पूरा नहीं हो रहा है। सरकार ने कॉरीडोर पर बसें तो चलवा दीं, लेकिन उनको सही तरीके से चलाने के लिए प्लानिंग नहीं की गई है। हालांकि अधिकारी दावा करते हैं कि जब तक बस स्टैंड अटैच नहीं होगा तब तक फायदा-नुक्सान नहीं बताया जा सकता।