Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Jun, 2017 12:27 PM
पंजाब की कांग्रेस सरकार की लोक विरोधी नीतियों के खिलाफ शिरोमणि अकाली दल गठबंधन की तरफ से डिप्टी कमिश्नर दफ्तर
लुधियाना (कंवलजीत, गुप्ता): पंजाब की कांग्रेस सरकार की लोक विरोधी नीतियों के खिलाफ शिरोमणि अकाली दल गठबंधन की तरफ से डिप्टी कमिश्नर दफ्तर के बाहर विशाल संख्या में अकाली दल भाजपा की समूह लीडरशिप ने सदस्यों की अध्यक्षता में धरना प्रदर्शन किया। इसकी अध्यक्षता अकाली जत्था शहरी के प्रधान जत्थेदार हरभजन सिंह डंग ने की। इस अवसर पर शिरोमणि अकाली दल के प्रधान और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि इतिहास में पहली बार हुआ है कि कांग्रेस सरकार बनने पर 2 महीने में ही पंजाब की जनता को सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर कर धरने प्रदर्शन करने पड़ रहे हैं।
बिजली के कटों से आम लोगों का जीना मुश्किल
अकाली सरकार की तरफ से 10 साल के कार्यकाल के दौरान जितने भी विकास कार्य करवाए और चल रहे थे कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही सारे कामों पर रोक लगा दी है। अकाली सरकार ने पंजाब में बिजली को सरप्लस करके पंजाब की इंडस्ट्री को बेहद सुविधाएं दी पर आज पंजाब में लग रहे बिजली के कटों से इंडस्ट्री और आम लोगों का जीना मुश्किल हुआ पड़ा है। सुखबीर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने चुनावों दौरान पंजाब के किसानों को कर्जे माफ करने की दुहाई दी थी। सरकार बनने के बाद किसानों से किए वायदों से कांग्रेस सरकार मुकर गई। पंजाब में कैप्टन सरकार की कई कैबिनेट बैठकें हो चुकी हैं पर किसानों ने कोई कर्जे माफ करने का ऐलान नहीं किया।
पंजाब को नशेड़ी कह कर किया था बदनाम
कांग्रेस सरकार ने पंजाब के नौजवानों पर नशे का कलंक लगा कर पंजाब को नशेड़ी कह कर बदनाम किया था। कैप्टन ने पंजाब को 3 हफ्तों में नशा मुक्त करने का सरकार बनने से पहले ऐलान किया था पर आज पंजाब में हर मोहल्ले, हर शहर में नशा चिट्टा आम बिक रहा है। जिसमें कांग्रेस के विधायक भी शामिल हैं। अकाली सरकार पर रेत के चोरी के दोष लगाने वाली कांग्रेस सरकार आज कांग्रेस के विधायक गुरजीत सिंह राणा खुद ही रेत माफिया के दोषों में जकड़े जा चुके हैं। सुखबीर ने पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी कि किसी भी अकाली-भाजपा सदस्य पर झूठा मुकद्दमा न दर्ज किया जाए। गठबंधन इस धक्केशाही को बर्दाश्त नहीं करेगा। इस अवसर पर अकाली दल की लीडरशिप ने डिप्टी कमिश्नर प्रदीप अग्रवाल को कांग्रेस सरकार की लोक विरोधी नीतियों के खिलाफ मांग पत्र दिया गया।