Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jul, 2017 12:26 PM
गत वर्ष बरसात के सीजन के दौरान कस्बा शेरपुर में व इसके आसपास के गांवों मे डेंगू की बीमारी फैल गई थी, जिस कारण बहुत से लोग डेंगू का शिकार हो गए थे व सरकारी अस्पताल में कोई सुविधा न होने के कारण डेंगू के मरीजो को प्राइवेट अस्पतालों में महंगा इलाज...
शेरपुर (अनीश): गत वर्ष बरसात के सीजन के दौरान कस्बा शेरपुर में व इसके आसपास के गांवों मे डेंगू की बीमारी फैल गई थी, जिस कारण बहुत से लोग डेंगू का शिकार हो गए थे व सरकारी अस्पताल में कोई सुविधा न होने के कारण डेंगू के मरीजो को प्राइवेट अस्पतालों में महंगा इलाज करवाने के लिए मजबूर होना पड़ा था और इस बार भी बरसात का मौसम शुरू हो चुका है, जिसके चलते एक बार फिर डेंगू के फैलने का खतरा पैदा हो गया है क्योंकि शेरपुर के अलग-अलग स्थानों का दौरा करने के उपरांत यह बात सामने आई कि जगह-जगह बरसात का पानी खड़ा है, जो बीमारी को न्योता दे सकता है। स्थानीयराम लीला ग्राऊंड शेरपुर में बहुत ज्यादा पानी खड़ा है, जहां डेंगू की बीमारी दोबारा फैल सकती है, परंतु प्रशासन व सेहत विभाग कुंभकर्णी नींद में सोया पड़ा है।
शेरपुर का सरकारी अस्पताल हो रहा है सफेद हाथी साबित
पिछली अकाली-भाजपा सरकार ने शेरपुर के प्राइमरी हैल्थ सैंटर को अप्रगेड करके कम्युनिटी हैल्थ सैंटर का दर्जा दिया था और 5.25 करोड़ रुपए की लागत से इस अधूरी अस्पताल की बिल्डिंग का उद्द्याटन शिरोमणि अकाली दल के सचिव जनरल सुखदेव सिंह ढींडसा मैंबर राज्यसभा ने कर दिया था परंतु यह अस्पताल सफेद हाथी साबित हो रहा है क्योंकि यहां लोगों के इलाज के लिए कोई सुविधा मौजूद नहीं है।
‘सरकारी दावों की निकली हवा’
इस संबंधी पिछले वर्ष डेंगू के खिलाफ लड़ाई लडऩे वाली संस्था जन सहारा क्लब के नेता चेतन गोयल, राष्ट्रवादी हिन्दू बब्बर दल के नेता सुशील गोयल, पब्लिक हैल्पलाइन के नेता एडवोकेट नवलजीत गर्ग, एडवोकेट सोनी गर्ग ने कहा कि एक तरफतो सरकारें लोगो को बढिय़ा सेहत सुविधाएं देने के बड़े-बड़े दावे करती हैं परंतु शेरपुर में सरकार के इन दावों की हवा निकलती नजर आती है।
नेताओं ने कहा कि कस्बा शेरपुर में 38 गांवों के करीब लोग सेहत सुविधा लेने आते हैं परंतु स्थानीयअस्पताल में कोई सुविधा न होने के कारण लोगों को प्राइवेट डाक्टरों से महंगा इलाज करवाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। नेताओं ने कहा कि यदि सरकार और प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान न दिया तो वे इलाके की अन्य समाजसेवी जत्थेबंदियों को साथ लेकर तीखा संघर्ष शुरू करेंगे।