Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jul, 2017 12:25 PM
जिला होशियारपुर में गन्ने की फसल पोका बोइंग रोग की चपेट में आ जाने के कारण गन्ने की काश्त करने वाले सैंकड़ों किसानों के चेहरों पर ङ्क्षचता की लकीरें दिखने लगी हैं। यह बीमारी गन्ने के ऊपरी हिस्से, विशेषत: नए निकल रहे पत्तों को जकड़ रही है।
होशियारपुर(जैन): जिला होशियारपुर में गन्ने की फसल पोका बोइंग रोग की चपेट में आ जाने के कारण गन्ने की काश्त करने वाले सैंकड़ों किसानों के चेहरों पर ङ्क्षचता की लकीरें दिखने लगी हैं। यह बीमारी गन्ने के ऊपरी हिस्से, विशेषत: नए निकल रहे पत्तों को जकड़ रही है।
बीमारी के चलते पत्ते सूखने लगे हैं। इस संबंधी जानकारी देते हुए ए.वी. शूगर मिल के अधिकारियों ने बताया कि गन्ने की बुवाई से लेकर अब तक मौसम ठीक होने तक इलाके में गन्ने की अच्छी फसल के आसार थे लेकिन पोका बोइंग रोग फैलने के कारण किसान भारी ङ्क्षचता में हैं। बीमारी का हमला दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। हालांकि इसे बीमारी की शुरूआत बताया जा रहा है।
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बीमारी की रोकथाम के लिए बैवस्टीन अथवा कॉपर आक्सीक्लोराइड आधा किलो दवा का प्रति एकड़ स्प्रे किया जाए। उन्होंने बताया कि गन्ना विभाग की टीम खेतों में जाकर किसानों को बीमारी की रोकथाम संबंधी जानकारी दे रही है।
23 हजार हैक्टेयर में होती है गन्ने की काश्त
कृषि विभाग के अनुसार जिला होशियारपुर में इस बार 23 हजार हैक्टेयर भू-भाग में गन्ने की काश्त हो रही है। जिला के गन्ना उत्पादक मुकेरियां व दसूहा तथा शूगर मिल्ज के अलावा भोगपुर व फगवाड़ा शूगर मिल्ज को भी गन्ना सप्लाई करते हैं इसलिए जरूरी है कि समय रहते इस बीमारी का इलाज हो ताकि किसान होने वाले संभावित नुक्सान से बच सकें।