Edited By Updated: 17 Dec, 2016 02:16 PM
7 माह पहले अपने नौजवान इकलौते पुत्र अतिन्द्रपाल सिंह को खो चुके उसके पारिवारिक सदस्य भले आज भी अतिन्द्रपाल को याद कर रोते हैं परन्तु
मौड़ मंडी (प्रवीन): 7 माह पहले अपने नौजवान इकलौते पुत्र अतिन्द्रपाल सिंह को खो चुके उसके पारिवारिक सदस्य भले आज भी अतिन्द्रपाल को याद कर रोते हैं परन्तु किसी अन्य का बेटा-बेटी इस तरह की किसी अनहोनी का शिकार न हो, इसलिए वे अतिन्द्रपाल को इंसाफ दिलाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने उपरांत हाईकोर्ट के दरवाजे पर पहुंचे हैं। अतिन्द्रपाल की माता रणजीत कौर ने बताया कि उनका बेटा एक यूनिवर्सिटी गांव सहौड़ा तहसील खरड़ जिला मोहाली में एल.एल.बी. के चौथे सिमैस्टर की पढ़ाई कर रहा था। 21 अप्रैल 2016 को कालेज में पेपर दौरान सरेआम नकल हो रही थी जिसका उसके लड़के अतिन्द्रपाल ने विरोध किया और विवाद बढ़ता देख इस मामले में मैनेजमैंट द्वारा एक अध्यापक को सस्पैंड भी कर दिया गया था। अब कालेज प्रबंधक इस बात को लेकर अतिन्द्रपाल से रंजिश रख रहे थे और उसको परेशान कर रहे थे।
15 मई को जब अतिन्द्रपाल फाइनल पेपरों के लिए रोल नंबर लेने यूनिवॢसटी गया तो उसको जान बूझकर रोल नंबर नहीं दिया गया क्योंकि मैनेजमैंट द्वारा अगले सिमैस्टर की एडवांस फीस मांगी गई जबकि चौथे सिमैस्टर तक की फीस उसने पहले ही जमा करवाई हुई थी। रणजीत कौर ने बताया कि उसके बेटे की हत्या हुई है या उसको मरने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने कहा कि इससे पहले इस मामले की जांच होती प्रबंधकों ने पुलिस के आने से पहले ही अतिन्द्रपाल के शव को नीचे उतार लिया। उन्होंने अदालत द्वारा केस नंबर 39670/2016 के तहत 12 व्यक्तियों को नोटिस जारी किया है। अभिभावकों ने मांग की कि इस मामले की सी.बी.आई. जांच की जाए। इस संबंधी जब लॉ डिपार्टमैंट के प्रिंसीपल मंगल सिंह बैंस से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि किसी ने भी छात्र को परेशान नहीं किया लेकिन पता नहीं किस कारण उक्त छात्र ने खुदकुशी की जिसका हमें बहुत दुख है। छात्र के जाने से उनकी संस्था को बहुत भारी घाटा पड़ा है।