Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Sep, 2017 10:55 AM
सुसाइड गेम ब्लू व्हेल पर रोक लगने के बावजूद इसका आंतक बरकरार है। अब पंजाब में भी इसने पैस पसारने शुरू कर दिए हैं। मंगलवार को पठानकोट में इसका पहला मामला सामने आया।
पठानकोटःसुसाइड गेम ब्लू व्हेल पर रोक लगने के बावजूद इसका आंतक बरकरार है। अब पंजाब में भी इसने पैस पसारने शुरू कर दिए हैं। मंगलवार को पठानकोट में इसका पहला मामला सामने आया। आर्मी स्कूल में प्लस-वन कर रहे एक स्टूडेंट ने टॉस्क पूरा करने के लिए पंखे से लटक कर आत्महत्या की कोशिश की।
यही नहीं, पूरी घटना का वीडियो भी बना रहा था। वक्त रहते घरवालों ने उसे बचा लिया। घटना चार दिन पहले की है। टास्क पूरा करने के लिए पहले भी छत से कूदा, बाजू में कट मारकर ब्लू व्हेल भी बनाई। टास्क के लिए किताबें भी जला डाली थीं। दस दिन से स्कूल भी नहीं जा रहा था। हरकतें देख परिवार वाले जब उसे अस्पताल ले गए, तो वहां ब्लू व्हेल गेम में फंसने का खुलासा हुआ। इस स्टूडेंट के 10 दोस्त भी इसी गेम से जुड़े हैं। मनोरोग विशेषज्ञ डाॅ. सोनिया मिश्रा को स्टूडेंट ने जो कहानी बताई उसे सुन सभी के होश उड़ गए।
दोस्तों ने दिया था चैलेंज
छात्र ने बताया कि ब्लू व्हेल गेम से वह 3-4 माह से जुड़ा हुआ है। उसके दोस्तों ने टास्क को पूरा करने का चैलेंंज दिया था। उसके10 दोस्त भी गेम से जुड़े हैं। पंखे से लटककर वह टास्क पूरा करना चाहता था, लेकिन परिवार वालों ने देख लिया। 15 अगस्त के बाद वह टास्क पूरे कर 30 पॉइंट तक पहुंच गया था। इसलिए छत से कूद गया था, जिससे टांग टूट गई। बाजू पर ब्लेड से ब्लू व्हेल भी बनाई। अक्सर देर रात नहाना और जागता भी था। ये गेम उसने दोस्तों से शेयर-इट से डाउनलोड किया था।
परिवार सोचता रहा कि बेटा रात को पढ़ रहा है...
स्टूडेंटस रात-रातभर जागता था, परिवार वाले यही सोच रहे थे कि बेटा पढ़ रहा है। लेकिन बेटे को रात-रात जागना, छत पर चढ़ना व घर से बाहर जाने पर उन्हें शक हुआ। इसके बाद परिवार वालों ने डाॅक्टर से संपर्क किया। परिवार वालों का कहना है कि हर माह उसे चोट लगी होती थी।