कर्मचारी जत्थेबंदियों ने मांगें न मानने के विरुद्ध दिया धरना,CM ने एक बार भी नहीं दिए दर्शन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Dec, 2017 11:33 AM

strike by the peoples

पंजाब सुवॉर्डिनेट सॢवसिज फैडरेशन के बैनर तले सरकारी और अद्र्ध सरकारी विभागों के तीसरा और चौथा दर्जा कर्मचारियों समेत टैक्निकल कर्मचारियों ने मांगें न मानने के विरुद्ध लाल-काले झंडे और बैनर लेकर धरना दिया।

पटियाला (जोसन/ राणा) : पंजाब सुवॉर्डिनेट सर्विसिज फैडरेशन के बैनर तले सरकारी और अद्र्ध सरकारी विभागों के तीसरा और चौथा दर्जा कर्मचारियों समेत टैक्निकल कर्मचारियों ने मांगें न मानने के विरुद्ध लाल-काले झंडे और बैनर लेकर धरना दिया।

10 महीनों दौरान मुख्यमंत्री ने एक बार भी दर्शन नहीं दिए
कर्मचारियों ने कहा कि लंबे समय से उनकी मांग की तरफ कांग्रेस सरकार भी कोई ध्यान नहीं दे रही। 10 महीनों दौरान मुख्यमंत्री ने कर्मचारी जत्थेबंदियों को एक बार भी दर्शन नहीं दिए, जिस पर कर्मचारी जत्थेबंदियों को अपने घर का खाली पीपा पीट कर रैली करने का निर्णय करना पड़ा। कर्मचारियों के नेताओं निर्मल सिंह धालीवाल, रणबीर सिंह ढिल्लों, दर्शन सिंह लुबाना, मोहन सिंह नेगी, उत्तम सिंह बागड़ी, करतार पाल ने कहा कि कर्मचारी जत्थेबंदियों ने पिछले दस सालों से संघर्ष करके इम्प्लाइज रैगुलराइजेशन एक्ट 2016 बनवाया था।

इसके अंतर्गत 27000 एडहाक, वर्कचार्ज, टैम्परेरी, कांट्रैक्ट और आऊटसोर्स कर्मचारियों को नियमित किया जाना था परंतु सरकार ने इस फैसले को लागू करने को रोक दिया है और कांट्रैक्ट और आऊटसोर्स भर्ती पर रोक भी लगा दी है। जिस कारण हजारों कर्मचारियों का भविष्य धुंधला हो गया है। कर्मचारियों के प्रमुख नेता दर्शन सिंह लुबाना ने कहा कि मुख्यमंत्री की तरफ से बनाई गई कैबिनेट सब समिति के चेयरमैन मंत्री राणा गुरजीत सिंह के साथ 4 अक्तूबर को फैडरेशन की तरफ से बैठक करके कर्मचारियों और पैंशनरों का महंगाई भत्ता जनवरी और जुलाई का देने का भरोसा दिलाया गया था।

जनवरी 2004 के बाद बंद की पैंशन चालू करने, माननीय सुप्रीम कोर्ट का ‘बराबर काम बराबर वेतन देने का’ फैसला लागू करने, 4, 9 और 14 वर्षीय उच्च स्केल, मुख्यमंत्री के साथ नवम्बर में बैठक करवाने और महंगाई भत्ते समेत मिड-डे मील, आंगनबाड़ी, आशा वर्करों और पार्ट टाइम वर्करों को कम से कम मजदूरी देने का भरोसा दिया गया, परंतु कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह का कोई भरोसा कर्मचारियों को रास न आने के कारण नगर निगम चुनाव दौरान उनको इकट्ठा होकर रैलियां करनी पड़ रही हैं। मुख्यमंत्री को रिमाइंडर देने के लिए थापर यूनिवॢसटी तक मानवीय कड़ी बनाकर किए मार्च को पुलिस ने रास्ते में रोक लिया और मांग पत्र सुभाष भारद्वाज तहसीलदार और केसर सिंह एस.पी. सिटी ने प्राप्त किया।
 

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