Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Sep, 2017 09:44 AM
मोगा शहर में गत 5 वर्षों से बेसहारा पशुओं के आतंक से शहरवासियों की परेशानी इतनी बढ़ गई है कि शहरवासियों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। हैरानी की बात तो यह है कि शहर में आए दिन बेसहारा पशुओं के कारण होते ..........
मोगा (पवन ग्रोवर): मोगा शहर में गत 5 वर्षों से बेसहारा पशुओं के आतंक से शहरवासियों की परेशानी इतनी बढ़ गई है कि शहरवासियों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। हैरानी की बात तो यह है कि शहर में आए दिन बेसहारा पशुओं के कारण होते हादसों संबंधी सब पता होने के बावजूद नगर निगम इस मुख्य समस्या के हल के लिए फेल साबित हुआ है, चाहे कुछ समय पहले नगर निगम ने शहर में बेसहारा सांडों की देखभाल के लिए एक नंदीशाला जल्द बनाने का दावा किया था लेकिन अभी तक यह योजना अधर में लटक रही है।
‘पंजाब केसरी’ को इस मामले में प्राप्त हुए ब्यौरों के अनुसार पिछले 5 वर्षों दौरान 100 से अधिक लोगों की जानें जिले भर की सड़कों पर बेसहारा पशुओं के साथ वाहन टकराने के कारण जा चुकी हैं। गत वर्ष नगर निगम मोगा अधीन पड़ते गांव दुन्नेके में जब बेसहारा पशुओं की ओर से चपेट में लेने उपरांत 3 लोगों की जानें गई थीं तो उस समय नगर निगम मोगा तथा प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों द्वारा लगाए गए धरने में पहुंचकर लोगों से वायदा किया था कि जल्द ही शहरवासियों को इस समस्या से निजात दिलाई जाएगी। बताने योग्य है कि उस दिन नगर निगम मोगा की विशेष टीम ने शहर के कई स्थानों से बेसहारा पशुओं को पकड़कर गौशालाओं में भी छोड़ा था लेकिन 1-2 दिनों बाद फिर समस्या ज्यों की त्यों बन गई।
शहर में सांड की चपेट में आने से 2 घायल
सरदार नगर इलाके से आज दोपहर में राजेश कुमार बब्बू तथा राजू जब अपनी स्कूटरी पर जा रहे थे तो पास से गुजर रहे सांड ने स्कूटरी सवारों को अपनी चपेट में लेकर दोनों को गंभीर रूप में घायल कर दिया। घायलों को अस्पताल ले जाना पड़ा। शहरवासी राजेश कुमार बब्बू ने कहा कि शहर की मुख्य सड़कों से बेसहारा पशुओं के कारण लोगों का गुजरना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि शहर के भीड़-भाड़ वाले इलाकों में दिन-रात घूमते पशुओं के कारण शहर के अधिकतर लोगों ने अपने बच्चों तथा बुजुर्गों को घरों से बाहर निकालना ही बंद कर दिया है।