Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Oct, 2017 07:23 PM
भारत परम्पराओं का देश है। इन दिनों काॢतक मास चल रहा है। यद्यपि पूरे वर्ष में कुछ-कुछ समय के अंतराल में कोई न कोई उत्सव त्यौहार आते रह...
होशियारपुर: भारत परम्पराओं का देश है। इन दिनों काॢतक मास चल रहा है। यद्यपि पूरे वर्ष में कुछ-कुछ समय के अंतराल में कोई न कोई उत्सव त्यौहार आते रहते हैं लेकिन काॢतक मास का पूरा महीना अपने आप में पर्व महीना माना जाता है। वृंदावन से आए गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने अमरीका सत्संग प्रवास में न्यूयार्क स्थित रवि चोपड़ा जी और परिवार के सौजन्य से हो रहे सत्संग में यह संदेश दिया।
उन्होंने कहा कि काॢतक मास के माध्यम से हम अपनी अनूठी भारतीय परम्पराओं का दर्शन कर सकते हैं। हर प्रकार का त्यौहार काॢतक मास में आता है। अंधकार से प्रकाश की प्रेरणा दीवाली इसी महीने का गौरव है। गोवर्धन के रूप में पुरुषार्थ की पूजा, धनतेरस के रूप में आयुर्वेद का गौरव, अन्नकूट, बल-बुद्धि के परमदेव हनुमान जी की जयंती, तुलसी पूजा के रूप में वनस्पति जगत का सम्मान, सर्वदेवमयी गौ माता की सेवा पूजा का प्रेरक पर्व गोपाष्टमी, यहां तक कि भारतीय संस्कृति में पारिवारिक संबंध भी उत्सव बनते हैं।
भारत से बाहर अधिकांश देशों में कब संबंध बने, कब संबंध विच्छेद-कुछ निश्चित नहीं लेकिन काॢतक मास भारत की ऐसी दिव्यता, जहां 3 दिन पारिवारिक संबंध, उत्सव के रूप में लिए जाते हैं। करवाचौथ का दिन पत्नी-पति के लिए पूरा दिन व्रत रखती है तो अहोई अष्टमी के दिन मां बेटे के लिए, इस महीने में एक दिन भाईदूज का जिस दिन बहन भाई के मस्तक पर मंगल तिलक करती है। वस्तुत: भारतीय संस्कृति अपने आप में हर क्षेत्र में अनूठी पहचान है।
पूज्य महाराज श्री ने प्रेरणा देते हुए कहा कि भले ही अपनी मातृभूमि से दूर अमरीका में आप रह रहे हैं, सब की अपनी-अपनी प्रारब्ध या अन्न-जल की बात है लेकिन यहां रह कर भी अपनी भारतीय परम्पराओं को अपने जीवन और परिवार में बनाए रखो। अमरीका में रह कर भी मन से और व्यवहार में भारतीय बन कर रहो।