Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Oct, 2017 10:34 AM
किसान के धान का चैक भारतीय स्टेट बैंक माइसरखाना में सेविंग खाते में लगाने की बजाय लिमिट खाते में लगाने के विरोध में भाकियू एकता उगराहा ने बैंक का घेराव कर मुलाजिमों को अंदर बंद कर दिया। बेशक पुलिस प्रशासन ने बैंक कर्मचारियों को बाहर निकालने के लिए...
मौड़ मंडी(प्रवीन): किसान के धान का चैक भारतीय स्टेट बैंक माइसरखाना में सेविंग खाते में लगाने की बजाय लिमिट खाते में लगाने के विरोध में भाकियू एकता उगराहा ने बैंक का घेराव कर मुलाजिमों को अंदर बंद कर दिया। बेशक पुलिस प्रशासन ने बैंक कर्मचारियों को बाहर निकालने के लिए संगठनों के नेताओं को मनाने के यत्न किए परन्तु किसान अपनी बात पर डटे रहे कि उन्होंने धान का चैक सेविंग खाते में लगाकर ही पैसे प्राप्त करने हैं।
इस मौके पर हरजिंद्र सिंह बग्गी, मोठा सिंह कोटड़ा, दर्शन सिंह माइसरखाना, कलकत्ता सिंह मानक वाला, भोला सिंह रायखाना, गुरमेल सिंह बबली ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि एक तरफ किसान कर्ज में दबा हुआ है और सरकार किसानों के कर्ज माफ करने के ड्रामे कर रही है परन्तु जमीनी हकीकत यह है कि बैंक अधिकारी किसानों की फसल की अदायगी के चैक भी किसानों के सेविंग खाते में लगाने की बजाय धक्के से लिमिट खाते में लगाकर किसानों की आर्थिक हालत को तरस योग्य बना रहे हैं उन्होंने कहा कि किसान दर्शन सिंह पुत्र इंद्र सिंह ने अपना धान का चैक सेविंग खाते में लगाना चाहा तो बैंक मैनेजर ने उस चैक को जबरदस्ती लिमिट खाते में लगाने की बात की जिसके बाद किसान ने चैक लगाना जरूरी न समझा और किसान अब फसल बेचकर चैक हाथों में लेकर चक्कर लगा रहा है जिसके कारण आज जत्थेबंदी को बैंक कर्मचारियों का घेराव कर उनको अंदर बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इस संबंधी मैनेजर गजानंद देवड़े का कहना था कि वह 2 लाख तक की लिमिट तक धान की अदायगी से ब्याज नहीं काटते परन्तु अधिक पैसे वाली लिमिट के ब्याज के लिए हमें अदायगी चैक लिमिट खाते में लगाना पड़ता है। खबर लिखे जाने तक बैंक का घेराव जारी था और बैंक कर्मचारी अंदर बंद थे।