Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jun, 2017 09:54 AM
नशा खत्म करने के लिए गठित स्पैशल टास्क फोर्स द्वारा नशा तस्करों की मदद के मामले में गिरफ्तार किए गए इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह केस में एस.एस.पी. मोगा राजजीत सिंह रविवार को पूछताछ के लिए लुधियाना स्थित एस.टी.एफ. दफ्तर में पेश हुए। एस.टी.एफ. टीम द्वारा...
चंडीगढ़ (रमनजीत): नशा खत्म करने के लिए गठित स्पैशल टास्क फोर्स द्वारा नशा तस्करों की मदद के मामले में गिरफ्तार किए गए इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह केस में एस.एस.पी. मोगा राजजीत सिंह रविवार को पूछताछ के लिए लुधियाना स्थित एस.टी.एफ. दफ्तर में पेश हुए। एस.टी.एफ. टीम द्वारा राजजीत सिंह से करीब अढ़ाई घंटे पूछताछ की गई।
पूछताछ का ब्यौरा हालांकि एस.टी.एफ. द्वारा आधिकारिक तौर पर सांझा नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक पूछताछ का आधार एस.एस.पी. राजजीत सिंह और इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह के नजदीकी संबंध ही रहे, जिसके दम पर इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह को सी.आई.ए. इंचार्ज की तैनाती मिलती रही।
इंस्पैक्टर इंद्रजीत के मामले में एस.टी.एफ. ने मौजूदा एस.एस.पी. मोगा को पूछताछ के लिए बुलाया था। एस.टी.एफ. के 3 आई.जी. स्तर के अधिकारियों द्वारा पूछताछ की गई। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ 2-3 घंटे जारी रही जिसके दौरान एस.टी.एफ. द्वारा इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह से जुड़े मामलों संबंधी जुटाए गए तथ्यों, इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह के असली रैंक संबंधी जानकारी व उसे ही सी.आई.ए. इंचार्ज क्यों लगाया जाता रहा जैसे सवालों की बौछार की गई।
कहा जा रहा है कि मौजूदा एस.एस.पी. मोगा राजजीत और इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह में बीते कई वर्षों से नजदीकी रही है। इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह पर संदेह पैदा करने वाले नशा तस्करी के तरनतारन जिले के तीनों बड़े मामले दर्ज होने के वक्त तरनतारन के एस.एस.पी. के तौर पर राजजीत सिंह ही तैनात थे। एस.टी.एफ. राजजीत सिंह से यह जानने का प्रयास कर रही है कि इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह के रैंक संबंधी स्पष्ट जानकारी होने के बावजूद क्यों उसे एन.डी.पी.एस. एक्ट के मामलों की जांच सौंपी जाती रही और सी.आई.ए. इंचार्ज जैसे महत्वपूर्ण पद पर तैनाती दी गई। इसके साथ ही क्यों उक्त बड़ी रिकवरी के मामलों में चार्जशीट बनाते वक्त उच्च अधिकारियों का ध्यान एविडैंस टैंपरिंग की तरफ नहीं गया या फिर उसे जानबूझकर अनदेखा किया गया।
खास बात यह है कि जब राजजीत सिंह का तबादला तरनतारन से एस.एस.पी. होशियारपुर के तौर पर हुआ तो नजदीकी होने के कारण इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह का तबादला भी होशियारपुर कराया गया और इतना ही नहीं, उसे होशियारपुर में भी सी.आई.ए. इंचार्ज के तौर पर ही तैनात किया गया।