Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Oct, 2017 01:12 PM
ऐतिहासिक श्री आनंदपुर साहिब की 13 वार्डों की नगर कौंसिल की गत दिवस हुई बैठक के दौरान अधिकतर मैंबरों द्वारा मौजूदा कौंसिल प्रधान महेन्द्र सिंह
रूपनगर(विजय): ऐतिहासिक श्री आनंदपुर साहिब की 13 वार्डों की नगर कौंसिल की गत दिवस हुई बैठक के दौरान अधिकतर मैंबरों द्वारा मौजूदा कौंसिल प्रधान महेन्द्र सिंह वालिया पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों के उपरांत इस नगर कौंसिल पर भी खतरा मंडरा रहा है।
उक्त बैठक में प्रधान वालिया का विरोध करने वाले पार्षदों हरजीत सिंह जीता, राम सिंह, गुरअवतार सिंह, इंद्रजीत कौशिक, नरेन्द्र सिंह ङ्क्षनदा, जतेन्द्र कौर, मनप्रीत कौर अरोड़ा, सोनिका मेहता तथा रीटा रानी ने कौंसिल प्रधान महेन्द्र सिंह वालिया पर कौंसिल के कार्यों में भ्रष्टाचार करने तथा शहर के विकास कार्यों को अनदेखा करने के गंभीर आरोप लगाते हुए उनसे तुरंत इस्तीफे की मांग की। वर्णनीय है कि 28 फरवरी 2015 को नगर कौंसिल श्री आनंदपुर साहिब के चुनाव में 3 पार्षद शिरोमणि अकाली दल, 3 भाजपा तथा 7 पार्षद आजाद रूप में चुनाव जीते थे।
बाद में 7 पार्षदों में से 4 का संबंध सीधे रूप में कांग्रेस से था, परंतु तत्कालीन हलका विधायक मदन मोहन मित्तल के विरोध में जो सियासी समीकरण उस समय पैदा हुए, ने गठजोड़ की मर्यादा को भी तोड़कर अकाली दल के निशान पर जीते महेन्द्र सिंह वालिया को प्रधान नियुक्त कर दिया गया तथा 7 आजाद, 2 अकाली पार्षदों ने उनका समर्थन किया। जबकि भाजपा के निशान पर जीते 3 पार्षदों ने इस चुनाव का बायकाट किया। अब प्रधानगी के चुनाव के मौके पर महेन्द्र सिंह वालिया का समर्थन करने वाले पार्षद ही उनके विरोध में सार्वजनिक तौर पर सामने आ गए हैं तो सियासी पक्ष से नगर कौंसिल पर प्रत्येक सियासी नजर प्रश्नचिन्ह रूप में आ टिकी है।