Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jul, 2017 09:57 AM
श्री अकाल तख्त के सचिवालय में हुई पांच सिंह साहिबान की मीटिंग में इटली की कम्पनी की ओर से जस्ते की अलग किस्म की बनाई गई छोटी कृपाण के नमूने को रद्द करने के साथ-साथ विवादित श्री गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप लिखने वाले सिंगापुर के निवासी यशवंत सिंह खोसा...
अमृतसर (ममता,दीपक): श्री अकाल तख्त के सचिवालय में हुई पांच सिंह साहिबान की मीटिंग में इटली की कम्पनी की ओर से जस्ते की अलग किस्म की बनाई गई छोटी कृपाण के नमूने को रद्द करने के साथ-साथ विवादित श्री गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप लिखने वाले सिंगापुर के निवासी यशवंत सिंह खोसा को श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब किया है। इसके साथ ही सिंह साहिबान ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूपों की बेअदबी रोकने के लिए संगत का भी सहयोग मांगा है।
श्री अकाल तख्त साहिब पर पांच साहिबान की मीटिंग के उपरांत पत्रकारों से ज्ञानी गुरबचन सिंह ने कहा कि इटली की एक कम्पनी द्वारा अलग प्रकार के जस्ते की बनाई गई छोटी कृपाण के नमूने को रद्द कर दिया गया है और देश-विदेश की संगत और पंथक संगठनों को हिदायत की गई कि वे अपने-अपने देश की सरकारों के साथ संबंध कायम करके उनको कृपाण के महत्व से अवगत करवाएं ताकि इससे सिखों के धार्मिक चिन्ह को किसी भी किस्म का खतरा नहीं होना चाहिए। श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा 3 जनवरी 2011 को किसी भी बाहरी व्यक्ति की ओर से स्वरूप लिखने और प्रकाशित करने पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाई गई थी।
इसके बावजूद सिंगापुर निवासी जसवंत सिंह खोसा द्वारा हस्तलिखित श्री गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप तख्त श्री दमदमा साहिब पर भेंट किए गए थे। इनका प्रकाश करने का मामला नोटिस में आने पर शिरोमणि कमेटी की ओर से जांच संबंधी एक कमेटी का गठन किया गया था। इसमें धर्म प्रचार कमेटी के अध्यक्ष ज्ञानी जगदेव सिंह को-आॢडनेटर सहित शिरोमणि कमेटी के अतिरिक्त सचिव बिजै सिंह , श्री हरिमंदिर साहिब के ग्रंथी रघबीर सिंह और इतिहासकार डा. सुखदेव सिंह को शामिल किया गया है।
कमेटी ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश की, जिसमें तख्त श्री दमदमा साहिब के मैनेजर जगजीत सिंह , हैड ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह , इंचार्ज अखंड पाठ जरनैल सिंह को आरोपी पाया गया और श्री अकाल तख्त साहिब ने शिरोमणि कमेटी को आदेश दिया कि इनके विरुद्ध प्रबंध में गड़बड़ी करने और मर्यादा का उल्लंघन करने के आरोप में कार्रवाई की जाए। इसी तरह जसवंत सिंह खोसा के साथ हैड ग्रंथी जगतार सिंह और अखंड पाठी जरनैल सिंह को श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब किया गया है, जिससे यह जानकारी हासिल की जाए कि खोसा ने अब तक कितने स्वरूप लिखे और कहां रखे हैं।
उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट में उसने 7 स्वरूपों का जिक्र किया है। उन्होंने जांच कमेटी को निर्देश दिए हैं कि पूरी रिपोर्ट जल्द पेश करें। इसी तरह सिंह साहिबान ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सिख इतिहास बोर्ड के डायरैक्टर रहे हरजिन्द्र सिंह दिलगीर की लिखितों पर पाबंदी लगाते कहा कि उनकी ओर से कई नितनेम की बाणियों पर ऐतराजयोग टिप्पणियां की गई हैं। ऐसे में वह जब तक श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर अपना स्पष्टीकरण नहीं देते उतनी देर तक न तो संगत उनकी पुस्तकें पढ़े और न ही किसी धार्मिक, सामाजिक एवं राजनीतिक मंच पर उन्हें बोलने दिया जाए।