Edited By Updated: 08 Feb, 2017 09:29 AM
श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह, शिरोमणि कमेटी पंजाब तथा दिल्ली द्वारा चुनाव के दौरान डेरा सिरसा जाने
जीरा/फिरोजपुर(अकालियां वाला): श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह, शिरोमणि कमेटी पंजाब तथा दिल्ली द्वारा चुनाव के दौरान डेरा सिरसा जाने वाले सिख नेताओं के खिलाफ जो कार्रवाई करने की बयानबाजी की जा रही है वह अर्थहीन है। यह बात पूर्व मंत्री जत्थेदार इन्द्रजीत सिंह जीरा, चेयरमैन कांग्रेस पार्टी किसान सैल ने विशेष बातचीत दौरान कही। जीरा ने कहा कि जब खुले तौर पर डेरा प्रेमी अकाली दल को समर्थन देने की घोषणा कर चुके थे तो तुरंत जत्थेदार को अकाली दल के बायकाट का फैसला लेना चाहिए था ताकि सिख कौम यह स्पष्ट तौर पर समझ लेती कि अकाल तख्त के जत्थेदार व अकालियों का कोई दबदबा नहीं है। जब बेअदबी की घटनाएं मौके सिख पंथ ने डेरा सिरसा से अकाली दल बादल से मिले होने का शोर डाला था तो उस समय अकाली दल यही कहता था कि उनका डेरा सिरसा से कोई संबंध नहीं।
चुनावों के दौरान समर्थन मौके सच सामने आया था तो अकाल तख्त अकाली दल बादल का चुनाव में तुरंत बायकाट का फैसला लेता। जत्थेदार जीरा ने कहा कि शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष कृपाल सिंह बंडूगर का इस मुद्दे पर अगर जमीर जिंदा है तो मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ खुलकर सामने आएं और स्वयं भी प्रधानगी का पद त्यागें। जीरा ने कहा कि अकाल तख्त के जत्थेदार बादल को दिए ‘फख्र्र्र-ए-कौम’ का अवार्ड वापस लें।