Edited By Updated: 17 Dec, 2016 10:01 AM
मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की अध्यक्षता में अाज हुई पंजाब कैबिनेट की बैठक में सरकार ने 19 दिसम्बर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है।
चंडीगढ़ः पंजाब सरकार के तीन फैसले गवर्नर वी.पी. सिंह बदनोर को रास नहीं आए। ऑर्डिनेंस के जरिए लिए गए इन फैसलों को साइन करने से गवर्नर ने इसलिए इनकार कर दिया, क्योंकि छह महीने बाद इन फैसलों को पास कराना पड़ता है। दो महीने के अंदर ही चुनाव है। ऐसे में अगली सरकार इन फैसलों को पास न करे तो लोगों के साथ विश्वासघात होगा। इनमें तीन फैसले अहम है। पहला-27 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को पक्का करने का।
दूसरा-प्राइवेट स्कूलों की फीस रेगुलराइज करने के लिए अथॉरिटी के गठन का। तीसरा फैसला लुधियाना में प्राइवेट सी.टी. यूनिवर्सिटी को मंजूरी देने का है। सी.एम. प्रकाश सिंह बादल शुक्रवार सुबह खुद गवर्नर के पास गए लेकिन, वे नहीं माने। इसके बाद सरकार ने आनन-फानन में मीटिंग बुलाई और फैसला किया कि 19 दिसंबर को विधानसभा का स्पेशल सत्र बुलाया जाएगा। इनमें इन बिलों को पास कराया जाएगा, ताकि गवर्नर के साइन की जरूरत ही न रहे। सरकार के पास ये आिखरी ऑप्शन है।
गौरतलब है कि गत दिवस हुई पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक में बादल सरकार ने विभिन्न वर्गों के लिए रियायतों की घोषणा की थी। इनमें नीले कार्ड धारकों को मुफ्त एल.पी.जी. कनैक्शन देने तथा पुलिस विभाग में 1,400 पदों पर भर्ती जैसे अहम फैसले लिए गए थे। बी.एस.एफ. मुलाजिमों को रियायती कैंटीनों पर दिए जा रहे सामान की तर्ज पर पंजाब पुलिस जवानों और रिटायर कर्मियों को भी इन कैंटीनों में कारों के अलावा बाकी वस्तुओं की बिक्री पर वैट की दर 5.05 प्रतिशत करने को मंजूरी दी गई थी।