Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Nov, 2017 04:54 PM
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी की ताजपोशी के बावजूद श्रीमती सोनिया गांधी पार्टी में मार्गदर्शक की भूमिका निभाती रहेंगी।
जालंधर (धवन): कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी की ताजपोशी के बावजूद श्रीमती सोनिया गांधी पार्टी में मार्गदर्शक की भूमिका निभाती रहेंगी। सोनिया गांधी ने पार्टी में 19 वर्षों तक अध्यक्ष पद पर बने रहने का रिकार्ड बनाया है। सोनिया गांधी 9 दिसम्बर को 71 वर्ष की हो जाएंगी तथा वह अब पार्टी के लिए एक नए रूप में सामने आ सकती हैं। अध्यक्ष पद छोडऩे का यह अर्थ नहीं है कि कांग्रेस की राजनीति में सोनिया गांधी बिल्कुल निष्क्रिय हो जाएंगी। वह पार्टी का लगातार मार्गदर्शन करती रहेंगी। सोनिया मेें यह क्षमता है कि वह विभिन्न राजनीतिक दलों को एक मंच पर लाने में हमेशा कामयाब रही हैं। कांग्रेस में सोनिया मुख्य संरक्षक की भूमिका या कांग्रेस संसदीय दल की नेता पद की भूमिका स्वीकार कर सकती हैं।
कांग्रेसी हलकों से पता चला है कि यह सोनिया ही थीं जिन्होंने राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में 18 विभिन्न पाॢटयों को कांग्रेस के साथ जोडऩे में सफलता हासिल की थी। 2015 में भूमि अधिग्रहण बिल पर सोनिया के स्टैंड को काफी सराहा गया था। उन्होंने सरकार को विवादास्पद अध्यादेश वापस लेने तथा नया कानून लाने के लिए विवश किया था। सी.पी.एम. के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी ने 2004 में यू.पी.ए. के गठन में सोनिया की भूमिका को सराहते हुए कहा है कि उनमें अब भी क्षमता है कि विपक्ष को इक_ा कर सकती हैं।
राहुल गांधी के आगे आने से पार्टी में सत्ता के दो केन्द्र नहीं बनेंगे। कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि परिपक्व व नौजवान नेतृत्व के आगे आने से नौजवानों को पार्टी के साथ जोडऩे में मदद मिलेगी। कांग्रेसी नेताओं का यह भी कहना है कि राजीव गांधी ने भी 1980 से 1984 तक तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस में 4 वर्षों तक राष्ट्रीय जनरल सैक्रेटरी पद पर काम किया था। पिछले 2 वर्षों में राहुल गांधी के आसपास पार्टी की गतिविधियां घूमती रही हैं। राज्यों में सभी नियुक्तियां राहुल की सहमति के अनुसार हो रही हैं। सोनिया ने एक प्रकार से पार्टी की कमान राहुल को अनौपचारिक तौर पर पहले ही सौंप दी थी।