Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Nov, 2017 11:35 AM
9 सिख लाई रैजीमैंट में तैनात लांस नायक मनदीप सिंह के पैतृक गांव चाहल खुर्द में उस समय मातम छा गया जब उसके आतंकवादियों के साथ लोहा लेते समय शहीद होने की खबर उसके गांव चाहल खुर्द पहुंची।
बटाला : 9 सिख लाई रैजीमैंट में तैनात लांस नायक मनदीप सिंह के पैतृक गांव चाहल खुर्द में उस समय मातम छा गया जब उसके आतंकवादियों के साथ लोहा लेते समय शहीद होने की खबर उसके गांव चाहल खुर्द पहुंची। मनदीप सिंह के शहीद होने की खबर सुनते ही जहां शहीद के परिवार का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा था, वहीं आसपास के क्षेत्रों के लोगों की आंखें भी नम हो गईं। उल्लेखनीय है कि श्रीनगर-कुपवाड़ा केरन सैक्टर की चौकन पोस्ट पर गश्त के दौरान सीमा पर घुसपैठ करने की ताक में बैठे आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक घायल आतंकी जिंदा बच गया था जो छुपा हुआ था और जब रुटीन की तरह सीमा पर गश्त के लिए लांस नायक मनदीप सिंह व साथी निकले तो छुपे हुए आतंकवादी ने मनदीप सिंह व साथियों पर फायरिंग कर दी जिसके फलस्वरूप मनदीप सिंह मौके पर ही शहीदी का जाम पी गया।
मेरे बेटे ने आतंकवादियों से लडऩे की स्पैशल ट्रेङ्क्षनग ले रखी थी : प्रेम सिंह
शहीद के पिता प्रेम सिंह ने बताया कि वह अपने बेटे मनदीप सिंह की शहादत को भुला नहीं सकते। उन्होंने कहा कि 3 महीने पहले जब मैं बीमार था तो मेरा बेटा मुझे मिलने हेतु आया था और जब मेरा अपने बेटे मनदीप सिंह से मिलने को दिल करता था तो वह फोन पर कहता कि अभी सरहद पर माहौल खराब है और यहां पर रहना मेरा जरूरी है और आखिरकार अपने परिवार की जगह अपने देश की सुरक्षा को अहमियत देते हुए मेरे लाडले मनदीप सिंह ने शहादत का जाम पी लिया। प्रेम सिंह ने बताया कि उसका बेटा एक बहादुर व दिलेर सैनिक था। दूसरी तरफ शहीद मनदीप सिंह का साढ़े 3 वर्षीय मासूम बेटा कह रहा है कि उनके पापा आज आने वाले हैं और उसके लिए नए कपड़े व चॉकलेट लेकर आएंगे परन्तु मासूम को क्या पता कि तिरंगे में लिपटे हुए उसके शहीद पिता अपने बेटे से किया वायदा भी पूरा नहीं कर पाएंगे।
पति की शहादत पर है गर्व : राजविन्द्र कौर
रो-रो कर हाल-बेहाल हुई शहीद की पत्नी राजविंद्र कौर ने कहा कि उसे अपने पति मनदीप सिंह की शहादत पर गर्व है। राजविंद्र कौर ने बताया कि आखिरी बार फोन पर मनदीप के साथ 2 दिन पहले बात हुई थी जिस दौरान उसने कहा था कि छुट्टी की अर्जी लगा दी है और 15 दिन बाद उन्होंने मुझसे मेरी बहन की शादी में आने का वायदा भी किया था लेकिन मुझे व मेरे परिवार को क्या पता था कि मेरे पति इस तरह तिरंगे में लिपटे हुए आएंगे।
सरकारी सम्मान सहित हुआ अंतिम संस्कार
शहीद लांस नायक मनदीप सिंह के अंतिम संस्कार मौके तिब्बड़ी कैंट से पहुंची फौजी जवानों की टीम ने शहीद को सलामी दी। शहीद की चिता को मुखाग्नि उसके पिता प्रेम सिंह ने दी और सरकारी सम्मान सहित उसका अंतिम संस्कार हुआ।
शहीद के पिता को भेंट किया शौर्य चक्र
शहीद मनदीप सिंह का पाॢथव शरीर लेकर आए सूबेदार विचित्र व रैजीमैंट के जवानों ने शहीद के पिता प्रेम सिंह को शौर्य चक्र भेंट कर उनका सम्मान किया और कहा कि उन्हें यह शौर्य चक्र उनके बेटे शहीद मनदीप सिंह की वीरता की सदैव याद दिलाता रहेगा।
मनदीप सिंह लांस नायक की शहादत उन्हें सदैव याद रहेगी क्योंकि मनदीप सिंह ने बहुत ही बहादुरी के साथ आतंकवादियों से लड़ते हुए जहां उन्हें खदेड़ा, वहीं मुठभेड़ में 3 गोलियां लगने के बाद आतंकवादी को मार गिराने के उपरान्त उसने शहादत का जाम पिया और देश पर कुर्बान हो गया। -सूबेदार विचित्र सिंह