Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jul, 2017 09:55 AM
अपने सिर्फ 4 माह के कार्यकाल के दौरान ही प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपना वजूद जनता के बीच खोने लगी है। चुनावों से पहले अपने चुनाव मैनीफैस्टो में जनता से किए अनेक वायदों को निभाने में
जालंधर(रविंदर शर्मा): अपने सिर्फ 4 माह के कार्यकाल के दौरान ही प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपना वजूद जनता के बीच खोने लगी है। चुनावों से पहले अपने चुनाव मैनीफैस्टो में जनता से किए अनेक वायदों को निभाने में कैप्टन सरकार असमर्थ दिखाई दे रही है। पहले ही किसानों का कर्ज माफी का ऐलान कर सरकार ने बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था में एक और कील ठोक दी है। वहीं प्रदेश में रुके विकास के काम सरकार की जनता के बीच जमकर किरकिरी करवा रहे हैं। अब आने वाले कुछ महीनों में सरकार के लिए यूथ से किए 2 वायदे कड़ी चुनौती पेश करने वाले हैं। पहला वायदा था यूथ को स्मार्ट फोन मुफ्त देने का। इसके लिए करोड़ों युवाओं ने खुद को रजिस्टर्ड करवाया था। इसके लिए बकायदा चुनावों से पहले कांग्रेसी नेताओं ने कैंप लगाकर युवाओं को रजिस्टर्ड करवाया था।
कैप्टन सरकार के लिए बनने जा रहा है जी का जंजाल
लोकलुभावन वायदों के बल पर सत्ता में आई कांग्रेस के लिए इनको निभाना बेहद बड़ी चुनौती होगा। पहले ही पटरी से उतरी आर्थिक स्थिति को लेकर सरकार बेहद चिंतित है और ऊपर से सरकार सितम्बर महीने से स्मार्ट फोन का वायदा निभाने की तरफ कदम बढ़ा रही है मगर अब मुफ्त स्मार्ट फोन का वायदा निभाना सरकार के लिए बेहद मुश्किल प्रतीत हो रहा है। प्रदेश के युवाओं से दूसरा किया वायदा भी कैप्टन सरकार के जी का जंजाल बनने जा रहा है। कैप्टन ने चुनावों से पहले प्रत्येक घर नौकरी का ऐलान किया था। हालांकि यह प्राइवेट भी हो सकती है और सरकारी भी। मगर फार्म भरने वाले अधिकांश परिवार यही समझ रहे हैं कि उनके परिवार के एक सदस्य को कैप्टन सरकारी नौकरी देंगे। इसके लिए पंजाब भर से 3 करोड़ के करीब परिवारों ने खुद को रजिस्टर्ड करवाया था। इतनी बड़ी संख्या में नौकरी दिलवाना असंभव सा प्रतीत हो रहा है।
10 लाख लोगों को रोजगार देने का किया था दावा
हालांकि प्रदेश के मुख्यमंत्री दावा कर रहे हैं कि वह नई इंडस्ट्रीयल पॉलिसी लेकर आ रहे हैं, जिसके आने से प्रदेश में भारी संख्या में इंडस्ट्री दोबारा लगेगी। इंडस्ट्री लगने से युवाओं को रोजगार मिलेगा। मगर कैप्टन यह बताने में असमर्थ हैं कि केवल इंडस्ट्री के बल पर वह कितने लोगों को रोजगार दे पाएंगे। पूर्व की अकाली-भाजपा सरकार ने अपने 10 साल के कार्यकाल में 10 लाख लोगों को रोजगार देने का दावा किया था जिस पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे थे, मगर अब तो कैप्टन सरकार के लिए 5 साल के भीतर 3 करोड़ नौकरियां देना असंभव-सा प्रतीत हो रहा है। अगर युवाओं से किए इन दोनों वायदों को निभाने में कैप्टन सरकार नाकाम साबित होती है तो उसको जनता का आक्रोश झेलना पड़ सकता है। ऐसे में भीतर से ही विरोध झेल रही कैप्टन सरकार बाहर से खोखली होती नजर आएगी।