स्मार्ट सिटी : 2 वार्डों में लागू होगी नहरी पानी को पेयजल का विकल्प बनाने की योजना

Edited By Updated: 27 Feb, 2017 01:02 PM

smart city  2 wards will apply the option of drinking water

महानगर में तेजी से गिरते ग्राऊंड वाटर लैवल को बचाने के लिए नहरी पानी को पेयजल का विकल्प बनाने संबंधी बनाई गई योजना जहां फंड की कमी की भेंट चढ़ गई, वहीं अब इसे स्मार्ट सिटी के तहत 2 वार्डों में लागू करने का फैसला किया गया है। शहर में जिस तरह थोक के...

लुधियाना(हितेश): महानगर में तेजी से गिरते ग्राऊंड वाटर लैवल को बचाने के लिए नहरी पानी को पेयजल का विकल्प बनाने संबंधी बनाई गई योजना जहां फंड की कमी की भेंट चढ़ गई, वहीं अब इसे स्मार्ट सिटी के तहत 2 वार्डों में लागू करने का फैसला किया गया है। शहर में जिस तरह थोक के भाव ट्यूबवैल लगाकर जमीन से पानी निकाला जा रहा है, उसे लेकर विशेषज्ञ लंबे समय से चेता रहे हैं कि अगर न संभले तो कुछ समय बाद सूखे के हालात पैदा हो सकते हैं।

इन विशेषज्ञों के अलावा सैंट्रल ग्राऊंड वाटर अथॉरिटी द्वारा ग्राऊंड वाटर लैवल को बचाने के लिए लगातार सिफारिशें की गई हैं। इसके तहत निगम ने वल्र्ड बैंक की मदद से नहरी पानी को पेयजल का विकल्प बनाने संबंधी योजना तैयार की। उस पर अमल के लिए नीलो नहर का पानी टैस्ट करवाया गया, जो रुड़की लैब से पीने के लिए फिट भी पाया गया। उसके बाद नहरी पानी को ट्रीट करने बारे जगह ढूंढने की बारी आई तो कोई विकल्प नहीं मिला। इसी तरह 2 हजार करोड़ से ज्यादा का आंकड़ा इस योजना पर अमल में रुकावट बना हुआ है। 

अब स्मार्ट सिटी के तहत एरिया वाइज डिवैल्पमैंट के लिए जो घुमार मंडी व सराभा नगर के साथ लगते इलाके चुने गए हैं, उनमें 24 घंटे वाटर सप्लाई देने का वायदा किया गया है। इसके लिए ट्यूबवैलों के साथ टंकियां अटैच करके पानी देने का विकल्प तो नगर निगम के पास है ही। उसके अलावा नहरी पानी को पेयजल का विकल्प बनाने बारे पहले से सारे शहर के लिए बनी हुई योजना इन दोनों वार्डों में लागू करने पर भी विचार किया जा रहा है।इसके लिए 12 एम.एल.डी. पानी का ट्रीटमैंट प्लांट लगाने की जरूरत है। उस संबंधी जगह की तलाश की जा रही है। पहले बी.आर.एस. नगर में खाली पड़ी ग्रीन बैल्ट की जगह देखी गई तो उस पर से हाईटैंशन तारें गुजरने के कारण निर्माण नहीं हो सकता। अब पी.ए.यू. से जगह मांगने की तैयारी चल रही है।  

ट्यूबवैलों पर फ्लो मीटर लगने से रुकेगी पानी की बर्बादी 
केन्द्र सरकार ने वाटर सप्लाई सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए अटल मिशन के तहत जो 200 करोड़ की ग्रांट मंजूर की है, उसके तहत ट्यूबवैलों पर फ्लो मीटर भी लगाए जाएंगे। हालांकि फ्लो मीटर लगाने का उद्देश्य ट्यूबवैल का डिस्चार्ज चैक करना है। अगर डिस्चार्ज कम हुआ तो जरूरी मुरम्मत की जाएगी और अगर फिर भी बात न बनी तो ट्यूबवैल को बंद किया जा सकता है। इसी तरह कम डिस्चार्ज वाले ट्यूबवैलों की आपस में जोङ्क्षनग करके वाटर सप्लाई को बांटा जाएगा। इसके अलावा फ्लो मीटर के जरिए ट्यूबवैल के ओवर टाइम चलने का भी पता लगेगा, जिससे पानी की बर्बादी रुकेगी, क्योंकि इस समय ऑप्रेटरों द्वारा तय समय से ज्यादा मनमर्जी के साथ ट्यूबवैल चलाकर पानी छोड़ा जा रहा है।  

रोक के बावजूद लग रहे नए ट्यूबवैल 
सरकार द्वारा गिरते ग्राऊंड वाटर लैवल को बचाने के लिए नए ट्यूबवैल लगाने पर रोक लगाई गई है लेकिन नगर निगम के स्तर पर नए ट्यूबवैल लगाने की योजनाओं को मंजूरी देने का सिलसिला लगातार जारी है। इसके लिए किसी इलाके में पानी की कमी को दूर करने के बारे लोगों या पार्षदों के दबाव का हवाला दिया जा रहा है। इसी तरह घरों, इंडस्ट्रीयल व व्यापारिक परिसरों में बिना मंजूरी के सबमर्सीबल पम्प लगाने का काम भी नहीं रुका, जो धड़ाधड़ पानी निकाल रहे हैं।  

निर्माण कार्यों के लिए भी प्रयोग हो रहा ग्राऊंड वाटर 
सरकार ने ग्राऊंड वाटर को सिर्फ पीने के काम में ही प्रयोग लाने के नियम तय किए हुए हैं, जिसके तहत निर्माण कार्यों के लिए ग्राऊंड वाटर का प्रयोग करने की मनाही है लेकिन इस संबंधी जारी आदेशों पर सिर्फ कागजों में ही अमल हो रहा है, क्योंकि प्राइवेट तौर पर होने वाली कंस्ट्रक्शन के अलावा सरकारी विभागों द्वारा करवाए जाते निर्माण कार्यों में भी ग्राऊंड वाटर का प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए निगम ने कोई पहल नहीं की। इसी तरह निर्माण कार्यों के लिए नहरी पानी या सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों से निकलने वाले पानी की सप्लाई देने बारे योजना भी सिरे नहीं चढ़ पाई।

सख्ती घटने से फिर तेज हुआ वाहन धोने का सिलसिला 
सरकार ने पानी की बर्बादी रोकने के लिए वाहन या फर्श आदि धोने के अलावा पौधों की सिंचाई के लिए ग्राऊंड वाटर के प्रयोग करने पर रोक लगाई हुई है। इसके लिए बाकायदा चैकिंग करके चालान काटने के भी आदेश हैं, जिसके तहत एक बार से ज्यादा नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कई गुना जुर्माना लगाने व कनैक्शन तक काटने के नियम हैं लेकिन उस पर अमल के लिए बनाई गई टीमों द्वारा फील्ड में जाकर धरपकड़ करने का काम कुछ देर तेजी पकडने के बाद ठंडे बस्ते में है। इस कारण वाहन, फर्श धोने या पौधों की सिंचाई के लिए ग्राऊंड वाटर का प्रयोग होने के मामले हर जगह देखे जा सकते हैं।   

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!