Edited By Updated: 11 Apr, 2017 09:35 AM
रोजाना पर्याप्त नींद न आना भयंकर बीमारियों के आगमन का संकेत हो सकता है।
जालंधर(शीतल): रोजाना पर्याप्त नींद न आना भयंकर बीमारियों के आगमन का संकेत हो सकता है। रात भर पर्याप्त मात्रा में नींद न लेने से मनुष्य के स्वभाव में जहां चिड़चिड़ापन आता है वहीं उसमें एकाग्रता की भी कमी रहती है।
क्या कहते हैं आंकड़े?
विश्व की आबादी का बड़ा हिस्सा अनिद्रा यानी इन्सोमनिया की समस्या से ग्रस्त है। भारत में शहरी और गांव की आबादी के मात्र 60 प्रतिशत लोग ही सुबह 7 बजे से पहले उठते हैं। देश में 40 प्रतिशत लोग ही प्रतिदिन 7 घंटे की नींद ले पाते हैं। युवा पीढ़ी की बात करें तो 70 प्रतिशत युवा रात 12 से 2 बजे के बीच सोते हैं। काम के बोझ की वजह से 45 प्रतिशत लोग अपनी नींद का समय निर्धारित ही नहीं कर पाते। गृहिणियों की बात करें तो परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए उनको नींद के लिए 6-7 घंटे ही मिलते हैं। पारिवारिक जिम्मेदारियां, कामकाज के दबाव व अन्य सामाजिक गतिविधियों में हिस्सा लेने वाले लोग भी आम जिंदगी में 6 से 7 घंटे ही नींद ले पाते हैं। शोध के अनुसार 86 प्रतिशत बीमारियां अनिद्रा की वजह से ही होती हैं।