Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Aug, 2017 10:14 AM
पंजाब में लगातार भूमिगत पानी के स्तर में आ रही गिरावट के कारण हालात इस कदर दयनीय हो रहे हैं कि आने वाले समय में लोगों को पीने के लिए पानी मिलना भी मुश्किल लग रहा है। पंजाब सरकार, खेतीबाड़ी यूनिवर्सिंटी सहित अन्य संस्थाओं द्वारा किए गए सर्वेक्षणों...
मोगा(पवन ग्रोवर): पंजाब में लगातार भूमिगत पानी के स्तर में आ रही गिरावट के कारण हालात इस कदर दयनीय हो रहे हैं कि आने वाले समय में लोगों को पीने के लिए पानी मिलना भी मुश्किल लग रहा है। पंजाब सरकार, खेतीबाड़ी यूनिवर्सिंटी सहित अन्य संस्थाओं द्वारा किए गए सर्वेक्षणों में यह तथ्य उभर कर सामने आया है कि पानी बचाने के लिए यदि राज्य के हर व्यक्ति ने अपनी जिम्मेदारी न निभाई तो पंजाब पानी की बूंद-बूंद को तरस जाएगा।
वहीं किसानों के पास सावन के सीजन दौरान धान की फसल के अलावा और कोई फायदेमंद फसल न होने के कारण पंजाब में सबसे अधिक धान की काश्त ही की जाती है तथा धान की फसल लगाने के लिए पंजाब में लगी लगभग 14 लाख ट्यूबैलों ने धरती के नीचे से इतना पानी बाहर निकाला है कि पंजाब में भू-जल स्तर बेहद गहरा चला गया है।
पानी का स्तर गहरा होने के कारण एक और समस्या पानी के प्रदूषण की पैदा हो गई है तथा अब पीने वाले पानी के लिए 400-500 फुट तक बोर करने पड़ रहे हैं। दूसरी तरफ पानी बचाने के लिए चाहे राज्य भर के नगर निगमों तथा कौंसिलों ने सख्त बने कानूनों का पालन करना कुछ समय पहले शुरू तो किया था लेकिन इन योजनाओं का अभी तक पूरा लाभ दिखाई नहीं दे रहा है।
निगमों द्वारा यह नियम बनाया गया था कि कोई भी नक्शा पास करने के लिए रिचार्ज बोरवैल बनेंगे। इसी के तहत घरों के अलावा निगम द्वारा शहरों के अलग-अलग स्थानों पर खड़े होते बारिश के पानी की संभाल के लिए भी रिचार्ज बोरवैल बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी जिसके तहत मोगा शहर के टैंकी वाली गली इलाके में बोर तो किया गया था लेकिन अभी तक इस रिचार्ज बोरवैल को शुरू नहीं किया गया है।
निगम ने साफ पानी से गाडिय़ां धोने पर भी लगाई थी पाबंदी, पर नहीं हुई कोई कार्रवाई
कुछ समय पहले सरकारी आदेशों का पालन करते हुए नगर निगम ने शहर में साफ पानी से गाडिय़ों की धुलाई करने वाले मालिकों तथा घरों को धोने के लिए लोगों द्वारा खराब किए जा रहे पानी के विरुद्ध जुर्माने की व्यवस्था तो शुरू की थी लेकिन कुछ समय बाद इस प्रक्रिया को लगातार जारी नहीं रखा गया।
निगम ने लोगों को यह दलील दी थी कि घरों को धोने की बजाय पोंछा लगाया जाए लेकिन फिर भी जगह-जगह पर पानी की हो रही बर्बादी बेरोक-टोक जारी है। यही नहीं अधिकतर गांवों में तो जलघरों की टैंकियों से निकलती पाइपें भी लीक हैं जिस कारण इससे भी शुद्ध पानी बर्बाद होता रहता है। नक्शे पास करवाने के लिए भी रिचार्ज बोरवैल बनाने की प्रक्रिया है लेकिन फिर भी नियमों को कहीं न कहीं अनदेखा किया जाता है।
निगम ने वी.आई.पीज की आमद पर पानी का छिड़काव किया बंद : अनिल बंसल
नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर अनिल बंसल ने संपर्क करने पर कहा कि भू-जल स्तर का काफी नीचे जाना चिंताजनक बात है। इसके लिए सभी लोगों को सचेत होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नगर निगम ने पहले ही वी.आई.पीज की आमद पर जहां पानी के छिड़काव को बंद किया है, वहीं लोगों को भी पानी बचाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। बंसल ने कहा कि शहर के सार्वजनिक स्थलों पर लगे टूटियों के सारे प्वाइंटों पर टूटियां लगाई गई हैं ताकि पानी व्यर्थ न बहे। उन्होंने कहा कि 5 दरियाओं की धरती को बंजर होने से बचाने के लिए हर पंजाबी अपना अग्रणी रोल अदा करता हुआ पानी का अनावश्यक प्रयोग न करे।
जिले के 2 ब्लॉक हैं डार्क जोन
भू-जल स्तर के काफी नीचे चले जाने के कारण मोगा जिले के ब्लॉक मोगा-2 तथा निहाल सिंह वाला को पहले ही डार्क जोन घोषित किया जा चुका है जिसके तहत इनमें नए बोर करने पर पाबंदी लगाते हुए बिना मंजूरी के बोर नहीं करने दिया जाता लेकिन यह समस्या का हल नहीं है। इन ब्लॉकों में पानी का स्तर इतना गहरा है कि सबमर्सिबल पम्प के बिना यहां से पानी नहीं निकलता।