मास्टर गुरनाथ सिंह ने 65+ आयु वर्ग में दूसरी बार जीता चांदी का पदक

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Nov, 2017 12:53 PM

silver medal

अगर जीवन में कुछ करने का उत्साह व जज्बा हो तो फिर आयु नहीं देखी जाती। ऐसी ही मिसाल जलालाबाद के सेवानिवृत्त अध्यापक गुरनाथ सिंह द्वारा हर बार पेश की है। गुरनाथ सिंह ने बताया कि उनको बचपन से ही खेलों में भाग लेने का शौक था, जो आज भी बरकरार है व भर...

जलालाबाद (बंटी): अगर जीवन में कुछ करने का उत्साह व जज्बा हो तो फिर आयु नहीं देखी जाती। ऐसी ही मिसाल जलालाबाद के सेवानिवृत्त अध्यापक गुरनाथ सिंह द्वारा हर बार पेश की है। गुरनाथ सिंह ने बताया कि उनको बचपन से ही खेलों में भाग लेने का शौक था, जो आज भी बरकरार है व भर जिंदगी रहेगा। वह सुबह-शाम 2 टाइम जलालाबाद के मल्टीप्लैक्स स्टेडियम में अभ्यास करते हैं।

उन्होंने कहा कि जब वह विद्यार्थी, अध्यापक थे उस समय भी उनका शानदार प्रदर्शन रहा है व अब सेवानिवृत्त होने के बावजूद वह उसी तरह अपना अभ्यास, फिटनैस व उम्दा प्रदर्शन कर रहे है। वह 65+ बुजुर्ग खेलों में हर बार भाग लेते हैं व अच्छा प्रदर्शन करके मैडल हासिल करते हैं। गत एक माह पहले भी राजस्थान के अजमेर शहर में हुई बुजुर्ग खेलों में उम्दा प्रदर्शन करते हुए गोला फैंकने में सोने का, डिस्कस थ्रो व हैमर थ्रो में 2 चांदी के पदक जीते थे व अब गत दिवस 38 पंजाब मास्टर्ज एथलैटिक्स चैंपियनशिप स्पोर्ट्स काम्पलैक्स गुरसागर मस्तूआना साहिब (संगरूर) में हुए डिस्कस थ्रो में उम्दा प्रदर्शन करते हुए लगातार दूसरी बार चांदी का पदक हासिल करके अपने जिले, शहर व पंजाब का नाम रोशन किया है। उन्होंने नौजवान पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि वे नशों को त्यागकर खेलों की ओर ध्यान दें ताकि वे सेहतमंद रहें व अच्छे समाज का निर्माण हो सकें।  

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