Edited By Updated: 14 Apr, 2017 09:34 AM
बैसाखी पर भारत और अन्य देशों से आए श्रद्धालुओं का जत्था देर रात पंजा साहिब गुरुद्वारा साहिब में पहुंचा। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के जत्थे का नेतृत्व शिरोमणि कमेटी मैंबर
पंजा साहिब (पाकिस्तान): बैसाखी पर भारत और अन्य देशों से आए श्रद्धालुओं का जत्था देर रात पंजा साहिब गुरुद्वारा साहिब में पहुंचा। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के जत्थे का नेतृत्व शिरोमणि कमेटी मैंबर भाई बलविन्द्र सिंह कर रहे थे। ननकाना साहिब सिख यात्री जत्थे की देख-रेख स्वर्ण सिंह गिल कर रहे थे। जत्थों का पहले वाघा में गुलाब के फूलों से स्वागत किया गया। औकाफ बोर्ड के सैक्रेटरी इमरान गोदल के अलावा पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान बिशन सिंह भी उपस्थित थे। संगतों का रहन-सहन और खाने-पीने का प्रबंध किया गया। भाई जग्गा सिंह पेशावर से संगत का जत्था लेकर हसन अबदाल पहुंचे। पंजाबी सिख संगत के प्रधान गोपाल सिंह चावला गुरुद्वारा पंजा साहिब में श्रद्धालुओं को हर तरह की सुविधा मुहैया करवा रहे हैं। गुरुद्वारा पंजा साहिब में नगर कीर्तन भी निकाला गया। नगर कीर्तन दौरान गतके के जौहर ने आई संगत में पूरा जोश भर दिया। गोपाल सिंह चावला ने कहा कि कि आए श्रद्धालुओं की सेवा-संभाल में कोई भी कमी नहीं रहने दी जाती। यहां 14 अप्रैल को सुबह 10 बजे बैसाखी के मौके गुरु ग्रंथ साहिब के भोग डाले जाएंगे और दोपहर 12 बजे फिर अरदास होगी।
वली कंधारी भी जा रही संगत
पीर वली कंधारी जो गुरुद्वारा पंजा साहिब से करीब 5 कि.मी. दूर है, के दर्शन भी भारत से पहुंचे जत्थे को अति सुरक्षा में करवाए जा रहे हैं। भारत से 1400 के करीब संगत पहुंची है, जबकि कनाडा, अमरीका, मलेशिया, ब्रिटेन व अन्य देशों के भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। जत्था गुरुद्वारा पंजा साहिब से ननकाना साहिब, सच्चा सौदा, रोड़ी साहिब ऐमनाबाद, डेरा साहिब, लाहौर, करतारपुर साहिब, महाराजा रणजीत समाधि, चूना मंडी लाहौर (जन्म स्थान श्री गुरु रामदास) के बाद 21 अप्रैल को वापस लौटेगा।