Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jan, 2018 10:22 PM
पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मीडिया से बातचीत करते हुए अपने दोनों विभागों स्थानीय निकाय, सांस्कृतिक व पर्यटन विभाग द्वारा किए गए अब तक के कार्यों का विवरण देते हुए भविष्य की योजनाओं की भी जानकारी दी। ....
चंडीगढ़(पराशर): पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मीडिया से बातचीत करते हुए अपने दोनों विभागों स्थानीय निकाय, सांस्कृतिक व पर्यटन विभाग द्वारा किए गए अब तक के कार्यों का विवरण देते हुए भविष्य की योजनाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने दोनों विभागों का ‘विजन डाक्यूमैंट’ (भविष्यवादी योजनाएं) जारी करते हुए स्थानीय निकाय विभाग का नारा ‘कैप्टन सरकार, लोगों के द्वार’ और सांस्कृतिक व पर्यटन विभाग का नारा ‘सभ्याचार से रोजगार’ रखा। यहां स्थानीय निकाय विभाग के प्रमुख सचिव ए. वेणु प्रसाद, सांस्कृतिक व पर्यटन विभाग के सचिव विकास प्रताप, निदेशक शिव दुलार सिंह ढिल्लों, पी.एम.आई.डी.सी. के सी.ई.ओ. अजोय शर्मा, स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक करनेश शर्मा और रू पिंद्र सिंह संधू भी उपस्थित थे।
सिद्धू ने कहा कि शहरवासियों को घर बैठे प्रशासकीय सेवाएं देने के लिए ई-गवर्नैंस परियोजना मार्च 2018 से आरंभ की जा रही है जो दिसम्बर 2018 तक लागू हो जाएगी। ऑनलाइन नक्शे पास करने का कार्य इस माह आरंभ हो जाएगा जो इस वर्ष सितम्बर माह तक पूरा कर लिया जाएगा। शहरी इकाइयों को जवाबदेह बनाने तथा गत समय में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए इसी माह से फोरैंसिक ऑडिट आरंभ हो रहा है और पहले चरण में 4 बड़े शहरों अमृतसर, जालंधर, पटियाला एवं लुधियाना के नगर निगमों और नगर सुधार ट्रस्टों तथा 3 नगर पालिकाओं खरड़, जीरकपुर एवं राजपुरा से यह कार्य आरंभ होगा जिसको सितम्बर माह तक संपूर्ण कर लिया जाएगा।
‘नई विज्ञापन नीति लाई जा रही’
सिद्धू ने कहा कि अमृतसर में बी.आर.टी.एस. परियोजना के लिए 495 करोड़ रुपए जारी हो गए हैं और इससे 31 कि.मी. के घेरे में 3 कोरीडोर बनेंगे। शहरों के सर्वपक्षीय विकास के लिए स्थानीय इकाइयों को आर्थिक तौर पर निर्भर बनाने के लिए नई विज्ञापन नीति लाई जा रही है जो इसी माह तैयार कर अप्रैल माह तक लागू की जाएगी।
शहरों में जी.आई.एस. की सहायता से शहरों के मास्टर प्लान अधिसूचित किए जा रहे हैं। 16 ‘अमृत’ शहरों में 31 जनवरी तक उक्त मास्टर प्लान का कार्य आरंभ हो जाएगा। शहरों में एक समान इमारतों के निर्माण के लिए यूनिफाइड बिलिंडग बायलॉज बनाए जा रहे हैं जो मई माह तक बना लिए जाएंगे। शहरों में पार्किंग की व्यवस्था के बेहतर प्रबंधों के लिए नीति तैयार की जा रही है जो अप्रैल माह तक लागू हो जाएगी। शहरों में आवारा पशुओं के प्रबंधन के लिए भी नीति बनाई जा रही है। 31 दिसम्बर, 2017 तक 46 शहरी स्थानीय इकाइयों को ‘खुले में शौच से मुक्त’ कर दिया है और 100 अन्य शहरों को आगामी 31 मार्च तक कर दिया जाएगा जबकि सभी शहर 30 जून तक हो जाएंगे।
लुधियाना, अमृतसर और जालंधर बनेंगे स्मार्ट सिटी
सिद्धू ने कहा कि 3 बड़े शहर लुधियाना, अमृतसर और जालंधर स्मार्ट सिटी में शामिल हैं जिसके लिए वह बीते दिन केंद्रीय शहरी विकास राज्यमंत्री हरदीप पुरी से मिल थे जिन्होंने इन शहरों के लिए तुरंत 350 करोड़ रुपए मंजूर कर दिए जिसके लिए पंजाब ने भी 50 करोड़ रुपए का हिस्सा डाला है। शहरों को स्वच्छ पेयजल मुहैया करने और शहरों में सीवरेज जाम की समस्याओं तथा ठोस अवशेष के प्रबंधन के हल के लिए दीर्घकालीन योजनाएं बनाई जा रही हैं। 4 बड़े शहरों अमृतसर, लुधियाना, जालंधर एवं पटियाला को नहरी पानी उपलब्ध करवाया जाएगा जिसके लिए क्रमश: 1708 करोड़ रुपए, 2874 करोड़ रुपए, 2000 करोड़ रुपए तथा 7171 करोड़ रुपए की परियोजनाएं हैं। उन्होंने कहा कि जाम हुए सीवरेजों को खोलने के लिए सुपर सक्शन मशीनों की सहायता ली जा रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब में 64 सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट बंद पड़े थे जिनमें से 40 को आगामी दिनों में शुरू किया जाएगा जिससे किसानों को सिंचाई योग्य पानी उपलब्ध करवाया जाएगा।
पर्यटन शृंखला बनाने के लिए बनाए जा रहे सर्किट
सिद्धू ने कहा कि पंजाब के धार्मिक, ऐतिहासिक व विरासती स्थानों को पर्यटन की शृंखला में जोडऩे के लिए सर्किट बनाए जा रहे हैं। धार्मिक सर्किट के लिए केंद्र से 100 करोड़ रुपए मंजूर करवा लिए हैं जिनमें आनंदपुर साहिब, फतेहगढ़ साहिब, चमकौर साहिब शामिल हैं। इसके अतिरिक्त स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्रता संग्रामियों से संबंधित स्थलों जैसे कि जलियांवाला बाग, खटकड़ कलां और हुसैनीवाला शामिल हैं, भी सॢकट में शामिल किए गए हैं।
करतारपुर स्थित जंग-ए-आजादी यादगार के लिए 15 करोड़ रुपए और जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि आगामी समय में महाराजा सॢकट और मुगल सॢकट बनाकर इनका प्रस्ताव केंद्र को भेजकर फंड प्राप्त किए जाएंगे। महाराजा सॢकट में रियासती शहरों पटियाला, नाभा, संगरूर, कपूरथला और फरीदकोट के विरासती स्थलों का रख-रखाव करके उन्हें सैलानियों के लिए आकर्षक बनाया जाएगा। इसी तरह मुगल सॢकट के अंतर्गत पंजाब में स्थित धर्मशालाएं जो शंभू, दोराहा, नूरमहल और तरनतारन में स्थित हैं, को विवाहों के लिए उचित स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा जिससे राज्य की आॢथकता को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। राज्य में मौजूद ऐतिहासिक किलों को सैलानियों के लिए आकर्षक बनाया जाएगा। बादशाह अकबर की ताजपोशी वाले शहर कलानौर, आम खास बाग सरहिंद को भी सैलानियों के लिए और विकसित किया जाएगा। चिकित्सा पर्यटन नीति बनाकर पंजाब में इलाज के लिए विदेशों से आने वाले मरीजों को विशेष सुविधाएं दी जाएंगी।
पंजाब में बनाई जाएगी फिल्म सिटी
सिद्धू ने कहा कि पंजाब में फिल्म सिटी का निर्माण किया जाएगा जिससे राज्य में बालीवुड की फिल्मों का निर्माण हो सके। इससे रोजगार के साधन और अधिक पैदा होंगे। इसके अलावा राज्य में किसी समय पर सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे स्थल जो पिछली सरकारों की लापरवाही और खराब नीति के कारण ठप्प हो गए, को पुन: सृजित किया जाएगा। इसके अलावा मनोरंजन सिटी बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग के होटलों, रिजोर्ट और सैलानी स्थलों के नवीनीकरण से विभाग के साधनों में विस्तार किया जाएगा। विरासत-ए-खालसा को भारत में सबसे अधिक आकर्षक म्यूजियम बनाने के लिए प्रयास किए जाएंगे। ‘हुनर के साथ रोजगार’ स्कीम के अंतर्गत इन कलाओं से जुड़े लोगों के लिए रोजगार के साधन पैदा होंगे। अमृतसर में फूड स्ट्रीट बनाई जाएगी।
गुरु नानक देव जी का 550वां गुरुपर्व बड़े स्तर पर मनाया जाएगा
सिद्धू ने कहा कि 2019 में पहली पातशाही श्री गुरु नानक देव जी का 550वां गुरुपर्व आ रहा है जिसको बड़े स्तर पर मनाया जाएगा। साल 2019 में जलियांवाला बाग के खूनी शौर्यगाथा की शताब्दी आ रही है और शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए विशेष प्रोग्राम बनाया जाएगा। इसके अलावा इस वर्ष पंजाब में सूफी मेला, पटियाला, कपूरथला, अमृतसर और बङ्क्षठडा में विरासती मेला, सैन्य साहित्य मेला करवाया जाएगा।
‘कला परिषद सांस्कृतिक लहर को गांवों तक लेकर जाएगी’
इस अवसर पर पंजाब कला परिषद के चेयरमैन सुरजीत पातर ने कहा कि कला परिषद द्वारा सांस्कृतिक लहर पैदा करके इसको गांवों तक ले जाया जाएगा और आने वाले समय में निचले स्तर पर हर गांव में कला मेला करवाया जाएगा। 2019 में श्री गुरु नानक देव जी के 550वें गुरुपर्व को समॢपत एशियन काव्य सम्मेलन करवाया जाएगा।
मुख्य बिंदु-
-‘सभ्याचार से रोजगार’ द्वारा नवयुवकों को विरासत से जोड़ा जाएगा एवं आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
-इमारतों के नक्शे ऑनलाइन होंगे पास, नए बिल्डिंग बायलॉज जल्दी ही लागू होंगे।
-4 बड़े शहरों और 3 कस्बों का होगा फोरैंसिक आडिट।
-विज्ञापन नीति से शहरी इकाइयों को किया जाएगा आत्मनिर्भर।
-स्मार्ट सिटी के अंतर्गत तीन बड़े शहरों का कायाकल्प किया जाएगा।
-4 बड़े शहरों को 7299 करोड़ रुपए से नहरी स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाया जाएगा।
-100 प्रतिशत जनसंख्या को सीवरेज अधीन कवर किया जाएगा, 40 एस.टी.पी. जल्द शुरू करेंगे कार्य।
-16 शहरों में 31 जनवरी तक जी.आई.एस. आधारित मास्टर प्लान का कार्य होगा आरंभ।
-30 जून तक सभी शहर और कस्बे होंगे ‘खुले में शौच से मुक्त’।
-सभ्याचार नीति लागू करने वाला पंजाब दूसरा राज्य बना, जल्दी ही लागू होगी पर्यटन व चिकित्सा पर्यटन नीति।
-‘हुनर के साथ रोजगार’ के अंतर्गत लुप्त हो रही कलाओं के कलाकारों को आॢथक तौर पर किया जाएगा आत्मनिर्भर।
-ऐतिहासिक, धार्मिक और विरासती शहरों को पर्यटन के तौर पर उभारने के लिए सर्किट बनाए।
-मुगल धर्मशालाओं को विवाहों के लिए सांस्कृतिक स्थल के तौर पर किया जाएगा विकसित।
-राज्य में फिल्म सिटी और मनोरंजन सिटी का होगा निर्माण।
-राज्य में खंडहर बने रिसोर्ट, होटलों और पर्यटन स्थलों को किया जाएगा पुनर्सृजित।
-पंजाब के गांव-गांव में लगाए जाएंगे कला मेले।