Edited By Updated: 19 May, 2017 09:06 AM
स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने जहां पिछली अकाली-भाजपा सरकार के समय दौरान हुए बड़े फैसलों पर नजरसानी शुरू कर रखी है वहीं उन्होंने लोकल बॉडीज विभाग में व्यापत भ्रष्टाचार को दूर करने तथा...........
जालंधर (खुराना) : स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने जहां पिछली अकाली-भाजपा सरकार के समय दौरान हुए बड़े फैसलों पर नजरसानी शुरू कर रखी है वहीं उन्होंने लोकल बॉडीज विभाग में व्यापत भ्रष्टाचार को दूर करने तथा जिम्मेदार अधिकारियों का पता लगाने का अभियान भी तेज कर दिया है। इसके तहत आज उन्होंने जालंधर इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के विरुद्ध बड़े स्तर पर जांच शुरू करवाई। श्री सिद्धू ने आज लोकल बॉडीज के नए चीफ विजीलैंस आफिसर कमांडर सुदीप मानिक को ट्रस्ट की दो स्कीमों के मौके पर भेजा जिस दौरान कई अनियमितताएं पाई गईं और ट्रस्ट अधिकारियों की लापरवाही साफ नजर आई, जिसका खमियाजा हजारों लोग कई सालों से भुगत रहे हैं। मास्टर गुरबंता सिंह एन्क्लेव सोसायटी के सदस्यों को जब पता चला कि सी.वी.ओ. उनकी स्कीम की जांच करने आए हैं तो वह ट्रस्ट कार्यालय में जमा हो गए और कुछ देर के लिए मेन सड़क पर ट्रैफिक जाम भी किया।
ट्रस्ट अधिकारियों से बहसबाजी के दौरान गाली-गलौच तक हुई और लोगों ने ट्रस्ट अधिकारियों को भ्रष्ट, कामचोर तथा लापरवाह बताया। सी.वी.ओ. ने बाद में पत्रकारों से कहा कि अभी जांच शुरू हुई है और दोनों स्कीमों के अलाटियों से बाद में भी बात की जाएगी। अपने गुप्त रखे गए दौरे के दौरान चीफ विजीलैंस आफिसर ने सबसे पहले इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के कार्यालय में दबिश दी और कुछ स्कीमों से संबंधित रिकार्ड चैक किया। सुपरिंटैंडैंट संजीव कालिया तथा कुछ अन्य अधिकारियों को साथ लेकर सी.वी.ओ. ने सीधा ट्रस्ट की सूर्या एन्क्लेव एक्सटैंशन स्कीम 94.97 एकड़ का रुख किया जहां पहले ही वहां की सोसायटी के पदाधिकारियों को बुला रखा था। जहां कालोनी तथा आसपास की कालोनियों के निवासियों नरेश गुप्ता, एम.एल. सहगल तथा जङ्क्षतद्र मोहन शर्मा व दविंद्र शर्मा इत्यादि ने इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के विरुद्ध शिकायतों के अंबार लगा दिए।
इन निवासियों ने बताया कि ट्रस्ट ने सूर्या एन्क्लेव एक्सटैंशन स्कीम का नोटिफिकेशन 2010 में किया था परंतु 7 साल बीत जाने के बाद भी कालोनी में न सड़क है और न ही सीवर व पानी की पाइपें डाली गई हैं। लोगों से करोड़ों रुपया इकट्ठा करके ट्रस्ट ने अन्य कामों या वेतनों में खर्च लिया है और वहां जिन लोगों ने खून-पसीने की कमाई से प्लाट लिए उन प्लाटों में कूड़ा भरा पड़ा है। ट्रस्ट अधिकारियों की लापरवाही से कई साल भूमि अधिग्रहण संबंधी अदालती विवाद चला जो क्लीयर भी हो चुका है पर फिर भी स्कीम में कोई विकास नहीं करवाया जा रहा और न ही पूरे कब्जे हटाए गए हैं। कुछ प्लाट धारकों ने तो सी.वी.ओ. के सामने अपनी दुख भरी दास्तां भी व्यक्त की। श्री सुदीप ने ट्रस्ट अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह सोमवार तक अपना स्पष्टीकरण भेजें कि इस स्कीम में देरी क्यों हुई, वित्तीय अड़चन क्या है, अलाटमैंट में दिक्कतें क्या हैं और कब तक यहां विकास करवा दिया जाएगा।
10 सालों से 888 लोगों को ठग रहा निगम
सी.वी.ओ. ने आज ट्रस्ट की दूसरी स्कीम मास्टर गुरबंता सिंह एन्क्लेव (इंदिरापुरम) का दौरा किया। इस स्कीम को 2006 में लांच किया गया था परंतु 11 साल बीत जाने के बाद भी इस स्कीम में लाखों रुपए खर्च करके प्लाट लेने वाले 888 लोग पछता रहे हैं और खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। वहां 40 फुट की बजाय मात्र 15 फुट सड़क बची है जो पूरी कालोनी का रास्ता है, सफाई का कोई प्रबंध नहीं, खाली पड़े फ्लैट खस्ताहाल स्थिति में हैं। लोगों से करोड़ों रुपए लेकर भी उन्हें प्लाट नहीं दिए गए। बिजली, पानी, सीवरेज व लाइटों की कोई व्यवस्था नहीं। स्कीम की हालत देख कर सी.वी.ओ. ने ट्रस्ट अधिकारियों को निर्देश दिए कि तुरंत सफाई करवाई जाए और नियमित रूप से फोटो खींच कर उन्हें रिपोर्ट की जाए। मौके पर तो सी.वी.ओ. को कोई अलाटी नहीं मिला परन्तु कुछ अलाटियों ने निगम आकर सी.वी.ओ. के सामने अपना दुखड़ा रोया।
सी.वी.ओ. ने 2 अस्पतालों की बिल्डिंगें भी जांचीं
सी.वी.ओ. ने आज मुख्य निशाना इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट को रखा पर साथ ही उन्होंने नगर निगम अधिकारियों को साथ लेकर 2 अस्पतालों की बिल्डिंगों को मौके पर जाकर जांचा। निगम आकर अधिकारियों से बैठक करने के बाद यह टीम सीधा मिशन चौक स्थित केयरमैक्स अस्पताल गई और बेसमैंट पार्किंग की जांच की। पार्किंग में इलैक्ट्रीकल पैनल, सिलैंडर तथा कुछ अन्य निर्माण देख कर उन्होंने आपत्ति व्यक्त की परंतु निगमाधिकारियों ने बताया कि इस एरिया को निकाल देने के बावजूद अस्पताल परिसर के पास समुचित पार्किंग प्रबंध है। उन्होंने दूसरा दौरा कपूरथला रोड पर बन रही अस्पताल की एक निर्माणाधीन बिल्डिंग का किया। वहां भी तकरीबन सारा निर्माण नक्शे के अनुरूप होता पाया गया। दोनों बिल्डिंगों की जांच सही पाए जाने पर निगमाधिकारियों ने राहत की सांस ली।
शौर्य ग्रीन अपार्टमैंट भी निशाने पर, सिद्धू और सी.एम. आफिस तक शिकायतें
सूर्य एंक्लेव में शौर्य ग्रीन अपार्टमैंट भी सिद्धू के निशाने पर है। सूत्रों के अनुसार सोसायटी के कुछ सदस्यों ने इस मामले से सिद्धू और सी.एम. दफ्तर को अवगत कराया है। शहर का यह सबसे बड़ा प्रोजैक्ट है लेकिन बिल्डर के ध्यान नहीं देने से लोग परेशान हैं। कई लोगों ने समय पर कब्जा नहीं मिलने पर केस भी किए हैं। सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में इस पर कार्रवाई हो सकती है। लोगों को यहां पर प्रतिदिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं का सबसे बड़ा कारण शहर के सबसे बड़े प्रोजैक्ट का समय पर पूरा नहीं होना है। अधूरे प्रोजैक्ट के कारण जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं कर रहा है, यहां तक कि कोई नैशनल बैंक इसके लिए लोन देने को तैयार नहीं है।
शौर्य ग्रीन अपार्टमैंट 2005 के अंत में जालंधर इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट और शौर्य टॉवर प्राइवेट लिमिटेड के बीच एम.ओ.यू. साइन हुआ था। कुल 972 फ्लैट बनने थे। इसको 2009 में पूरा किया जाना था लेकिन 9 साल बीत जाने के बाद भी प्रोजैक्ट अभी पूरा नहीं हो पाया। इस पर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट ने जुर्माना भी लगाया है लेकिन शौर्य टॉवर कंपनी ने जुर्माना जमा नहीं करवाया। ट्रस्ट ने 2009 में शौर्य टॉवर कंपनी पर 4 करोड़ 85 लाख 21 रुपए का जुर्माना किया था लेकिन शौर्य टॉवर कंपनी ने पैसे जमा नहीं करवाए। प्रोजैक्ट अधूरा होने के कारण रजिस्ट्री नहीं हो रही हैं। यहां पर जे-1 जे-2 ऐसे टॉवर हैं जिन के नक्शे भी रिवाइज करने के लिए दिए हैं लेकिन अभी इसके नक्शे पास नहीं हुए हैं।