‘सिद्धू इज नॉट फॉर सेल’

Edited By Updated: 22 Jan, 2017 01:50 PM

sidhu is not for sale

भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होकर भी पूर्व सांसद नवजोत सिंह सिद्धू में बेबाकी व पंजाब के प्रति चिंता का स्तर वही है। सिद्धू के साथ इस संबंध में कुछ मसलों को लेकर चर्चा की गई, प्रस्तुत हैं उसके कुछ अंश-

जालंधर (अनिल पाहवा): भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होकर भी पूर्व सांसद नवजोत सिंह सिद्धू में बेबाकी व पंजाब के प्रति चिंता का स्तर वही है। सिद्धू के साथ इस संबंध में कुछ मसलों को लेकर चर्चा की गई, प्रस्तुत हैं उसके कुछ अंश-
 

प्र.    पंजाब की राजनीति में नवजोत सिंह सिद्धू ने सस्पैंस क्यों बनाए रखा? 
उ.   पंजाब से अभी तक कुछ नहीं मांगा। पंजाब के लिए कुछ बेहतर करने की इच्छा से एजैंडा लेकर पहले भाजपा तो बाद में ‘आप’ के पास गया, लेकिन वे एजैंडा देखकर ही घबरा गए। ‘आप’ के लोग तो कहते थे कि चुनाव ही न लड़ो, जिसका मतलब था रेस शुरू होने से पहले रेस में से निकालने की कोशिश। उसके बाद यही एजैंडा लेकर कांग्रेस के पास गए तो उन्होंने विश्वास किया। 
 

प्र.पंजाब के लिए सिद्धू के पिटारे में क्या है? 
उ.    पिछले वर्षों में निजी लाभ के लिए सत्ता में रह रहे लोगों ने पंजाब की दुर्गत की है। निजी लाभ के लिए काम किया न कि पंजाब के लिए। अपने होटल बना लिए, अपने लिए अरबों का लाभ ले लिया और पंजाब को 3 लाख करोड़ के कर्जे में डुबो दिया, लेकिन पंजाब कोई बर्फ की डली नहीं जो पिघल जाएगा। पंजाब फिर उठेगा। पंजाब को लुटेरों के हाथ से निकालने के लिए लोग सामने आएंगे। हरेक पंजाबी उठेगा तथा पंजाब के सम्मान की बहाली के लिए लड़ेगा। 

 

प्र. आपके एजैंडे में क्या है पंजाब के लिए ?
उ. जो एजैंडा जारी किया है उसमें गौर से देखो तो पंजाब की वो तस्वीर नकार आएगी जो आज से अलग है। एक एक विभाग से सत्ता में रह रहे लोगों ने भारी कमाई की। एक तमिलनाडू जैसा राज्य जहां पर शराब के ठेके व शराब की खपत पंजाब से कम है वह राज्य एक वर्ष में 15 प्रतिशत बढ़ौतरी के साथ 32 हजार करोड़ रुपए राजस्व में जमा कर रहा है, तो पंजाब में तो 12 हजार ठेके है, लेकिन बढ़ौतरी केवल 5 हजार करोड़? ठेकों पर अगर युवाओं को नौकरी दी जाए तो कितने युवाओं को रोजगार मिलेगा। बूंद-बूंद से ही समुद्र बनता है। 

 

प्र. सुखबीर तो कहते हैं कि जो कहा करके दिखाया ?
उ.    क्या करके दिखाया सुखबीर ने? 3 लाख करोड़ का कर्जा पंजाब पर , क्या यही कर दिखाया। 10 वर्ष पहले बादल परिवार के पास 50 बसें थीं, आज 650 बसें हैं। सुखबीर आएं, मेरे साथ बहस करें। लोगों की कंपनियों पर कब्जा कर लिया। लोगों के रोजगार छीन लिए। सभी कुछ इनका, लेकिन इनका तो पेट ही नहीं भरता। राज्य की तरफ भी तो कोई ध्यान दो। रेत माइनिंग से 5 हजार करोड़ रुपए कमा रहे, लेकिन राज्य को केवल 50 करोड़ मिल रहा है। सुखबीर पानी में बसें चलाने की बातें करते हैं जिस कारण सुखबीर को ‘गपौड़ी’ ऑफ सेंचरी का अवार्ड मिलना चाहिए। 2 करोड़ रुपए की जमीन खरीद कर राज्य को 7 करोड़ में बेच दी वह भी 5-7 दिनों में । 

 

प्र. अमृतसर में विकास को लेकर आपको एतराज क्यों रहता है? 
उ. अमृतसर में हैरीटेज का निर्माण हुआ अच्छा है और तारीफ योग्य है, लेकिन 25-25 फुट की गंदगी के ढेर आज भी देखने को मिल रहे हैं। अमृतसर की जमीन बेच कर उसका पैसा अपने जिलों में ले गए। सुखबीर को केवल खुद की ही चिंता रहती है दूसरों को आगे बढ़ते वह देख नहीं सकते। विकास के लिए प्रोजैक्ट मैं लाऊं उस पर  सुखबीर काम तो करें। बच्चों के लिए अकादमी लाया लेकिन सुखबीर ने लगने नहीं दी। मैंने भूख हड़ताल की, चेतावनी दी तो हरकत में आए बादल, लेकिन फिर रंग बदल गए। 

 

प्र. भगवंत मान आपके खिलाफ क्यों बोलते हैं? 
उ.    कमेडी या हंसा कर पंजाब को दोबारा खड़ा नहीं किया जा सकता। मैंने मसले दिए हैं पंजाब को उभारने के। ये लोग क्या कर रहे हैं। वह मेरा छोटा भाई है। मेरे बारे कोई बुरा-भला कहे, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन मसला तो पंजाब का है। पंजाब के लिए खड़े हो जाओ मैं साथ हूं। पंजाबियत तो वह है कि किसी के साथ पक्षपात न हो, सभी का भला हो ,लेकिन इस माहौल में बेअदबी जैसी घटनाएं कैसे हो रही हैं? 

 

प्र.    भगवंत कहते हैं कि जब बेअदबी जैसी घटना हुई तब सिद्धू कहां थे? 
उ.    बेअदबी की घटना जब हुई मैं जहां भी था रो रहा था। मेरा किसी राजनीतिक दल से कौन-सा संबंध था, जिनके साथ मेरा संबंध था वह कहते थे कि पंजाब की तरफ जाना ही नहीं। अगर मैं अच्छा नहीं था तो मेरे आगे- पीछे डिप्टी सी.एम. का पद क्यों लेकर घूम रहे थे? कहते थे सी.एम. घोषित करने की हमारी नीति नहीं है तो फिर दिल्ली और अब गोवा में यह पॉलिसी कहां से आ गई?  अगर दिल्ली में डेढ़ वर्ष पहले अरविंद केजरीवाल को सी.एम. के चेहरा घोषित किया जा सकता है तो पंजाब में क्या हो गया? मेरी तरफ से भगवंत मान को सी.एम. घोषित कर दें, लेकिन करें तो सही। पंजाब को विकल्प तो दें। 

 

प्र.    आवाका-ए-पंजाब में देरी क्यों हुई क्या बैंस ब्रदर्ज जिम्मेदार थे? 
उ.    बैंस ब्रदर्ज एक सिस्टम के खिलाफ लड़ रहे हैं तथा उनके लिए मेरी श्रद्धा सदा रहेगी। अगर उन्होंने आम आदमी पार्टी चुन ली तो उसमें क्या बात है । मैंने कभी किसी पार्टी को गलत नहीं कहा। आज पंजाब को अच्छे व किरदार वाले लोगों की जरूरत है, जो राजनीति को धंधा नहीं मिशन के तौर पर देखें। आज के राजनीतिज्ञ तो मेरा -मेरा में लगे हैं लेकिन पंजाब की कोई नहीं सोच रहा। मैंने अपनी पार्टी (भाजपा) के साथ विरोध जताया जब मुझे बादलों के पक्ष में प्रचार करने को कहा गया। इसी कारण मैंने राज्यसभा सदस्यता छोड़ी। 

 

प्र.    पंजाब कांग्रेस में खुद को एडजस्ट कर पाओगे ? 
उ.    दूसरों को नीचे खींचने की बजाए अपना कद बड़ा कर लो। मेरी तो खुद से प्रतियोगिता है किसी से नहीं। मैं छोटी चीकाों में बिकने वाला नहीं। सिद्धू के माथे पर लिखा जा चुका है ‘सिद्धू इज नॉट फॉर सेल’। 

 

प्र.    सोशल मीडिया में विरोध क्यों हो रहा है आपका ?
उ.    फल जिस पेड़ पर लगते हैं पत्थर उसी पर लगते हैं। ‘पेड’ लोगों के सिर पर सोशल मीडिया पर काम हो रहा। मैं तो किसी के बारे नहीं बोला कभी। कोई कुछ कहे और आगे से जवाब दिया जाए तो सामने वाले को लगता है कि शायद चोट पहुंची है, लेकिन मैं तो पंजाब की खैर मांग रहा हूं। किसी के कुछ कहने से क्या पंजाब संवर  रहा है, यह देखने लायक है। 

 

प्र.    चुनाव के बाद सिद्धू पंजाब को समय देंगे या मुम्बई को ?
उ. जो वकील हैं, जब सत्ता में नहीं तो क्या वकालत छोड़ देते। सुखबीर सत्ता में रहते बिजनैस कर रहे हैं तो सिद्धू कैसे छोड़ देगा। चार बार मैं अमृतसर से जीता।  लोगों के बीच ही रहा हूं। 
‘‘योद्धा वही जो जूझे रण के अंदर
मित्र वही जो समय पर काम आए
योगी यति मानव की मति
सत्य के मार्ग पर चल के ही परम पद पाए’’ 
सत्यमेव ज्यते। 

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