अदालत पहुंचा सिद्धू व फास्ट-वे विवाद,नोटिस को चैलेंज

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Aug, 2017 02:14 PM

sidhu and fast dispute to court challenge notice

लोकल बाडिज मंत्री नवजोत सिद्धू और फास्ट वे कंपनी के  मालिकों के बीच कई मोर्चों पर चल रही लड़ाई अब कोर्ट पहुंच गई है।

लुधियाना : लोकल बाडिज मंत्री नवजोत सिद्धू और फास्ट वे कंपनी के  मालिकों के बीच कई मोर्चों पर चल रही लड़ाई अब कोर्ट पहुंच गई है। जिसके अंतर्गत फिरोजपुर रोड पर स्थित माल में हुए नाजायज निर्माण पर कार्रवाई के लिए नगर -निगम की तरफ से जारी नोटिस को प्रबंधकों ने निचली अदालत में चैलेंज कर दिया है। जिसे लेकर गुरुवार को सुनवाई होने की सूचना है। 


इस मामले में विधायक सिमरजीत बैंस द्वारा शिकायत के आधार पर सिद्धू ने कार्रवाई के आदेश जारी किए हुए हैं, जिस कारण निगम अफसरों की टीम ने शनिवार को मौके पर जाकर पैमाइश की तो सबसे ऊपरी मंजिल पर शैड के रूप में हुए निर्माण को तय नियमों से अधिक होने के कारण नाजायज  करार दे दिया, जिसे सील करने से पहले तीन दिन का नोटिस दिया गया है कि फाल्तू जगह में बने रैस्टोरैंट को खुद हटा लिया जाए।

यह नोटिस मिलते ही माल प्रबंधकों ने कोर्ट का रुख कर लिया और निगम की प्रस्तावित कार्रवाही को चैलेंज किया है। उन पर राजनीतिक बदले की भावना के साथ कार्रवाई की तैयारी चल रही है, जिसे लेकर कोर्ट ने निगम को गुरूवार को पक्ष रखने के लिए कहा है।


देर शाम तक होती रही रिकार्ड की चैकिंग
नाजायज़ निर्माण के अलावा बैंस ने निगम से नीलामी  द्वारा माल की जगह खरीदने में भी धांधली होने का अारोप लगाया है। जिस पर सरकार ने सारा रिकार्ड तलब कर लिया  जिसकी एडीशनल चीफ सैक्ट्री सतीश अभागा की मौजुदगी में देर शाम तक चैकिंग होती रही। उसमें इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट से जगह ट्रांसफर होने से लेकर बोली और एग्रीमेंट तथा रजिस्टरी होने तक के सभी पहलू चैक किए गए। इसी तरह निर्माण के लिए नक्शा पास करवाने की प्रक्रिया की भी जांच हुई। उसमें यदि कहीं नियमों में छूट होने की बात सामने आई तो जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई होना तय माना जा रहा है।

 

नोटिस देने को लेकर परेशानी

निगम अफसरों ने माल की सबसे ऊपरी मंजिल पर हुए निर्माण को नाजायज तो शनिवार को ही करार दे दिया था परन्तु रविवार को पूरी फोर्स के साथ वहां जाने के समय माल से दूरी बनाई रखी।

बताया जाता है कि नाजायज निर्माण के हिस्से पर कार्रवाई करने से पहले नोटिस देने या न देने को लेकर ही दो दिन तक परेशानी होती रही  क्योंकि सिद्धू चाहते थे कि बिना नोटिस के ही कार्रवाई की जाए जबकि अफसरों ने लीगल राय लेकर पहले नोटिस जारी करने का भी दबाव बनाया।

 

15 अगस्त को ग्रीन बैलेट की जगह  फिर हुई अधूरी कारवाई

माल के साथ जुड़े विवाद में एक मामला  साथ लगती ग्रीन बैलेट का भी है। जहां पार्किंग बनाई गई थी। जिसकी टाईलें उखाड़ने के लिए शनिवार शाम को की गई कोशिश कामयाब न हुई तो अफसरों ने देर रात वहां एक फुटपाथ तोड़ने की कार्रवाई की। उसे लेकर खिंचाई होने पर 15 अगस्त को स्टाफ फिर मौके पर पहुंचा और वहां पौधे लाने के नाम पर कार्रवाईकी। जिस का प्रबंधकों ने विरोध किया तो मुलाजिम एक बार फिर उसी जगह में गड्ढे खोद कर वापस लौट आए।

 

फ्रेंडली मैच को लेकर लगी फिटकार
पंजाब केसरी ने पहले ही दिन खुलासा कर दिया था कि कार्रवाई को लेकर माल प्रबंधकों और निगम अफसरों के बीच फ्रैंडली मैच चल रहा है क्योंकि उन्हें प्रातःकाल ही सिद्धू के आदेश मिलने के बावजूद मौके पर जानें में कई घंटे लगा दिए। जिसकी सूचना भी पहले ही लोगों को हो गई और माल प्रबंधकों ने अकाली नेताओं को अपने समर्थन में वहां इकट्ठा कर लिया। जिनके विरोध का हवाला देते हुए निगम अफसरों ने कार्रवाई किए बिना बेरंग लौटने का नाटक किया। यहां तक कि माल प्रबंधकों के साथ कार में बैठ कर बातचीत भी की। जिस बारे छपी फोटो पर खबर दिखा कर सिद्धू ने अफसरों को फटकार लगाई तो अफसरों के पास कोई जवाब नहीं था। 

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