भगवंत मान को संयोजक बनाने अौर घुग्गी के पार्टी छोड़ने का क्या होगा असर

Edited By Updated: 10 May, 2017 04:07 PM

side effects of making bhagwant manan as organizer

आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान को पंजाब में संयोजक तो बना दिया है, लेकिन इसके कई ऐसे साइड इफेक्ट्स देखने को मिल रहे हैं, जो खतरनाक हो सकते हैं।

चंडीगढ़ः आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान को पंजाब में संयोजक बनाने अौर गुरप्रीत घुग्गी के इस्तीफा देने से पार्टी  में कई ऐसे साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं, जो खतरनाक हो सकते हैं।

भगवंत मान के नाम की घोषणा होते ही पंजाब में पार्टी के भीतर बवाल के आसार नजर आने लगे हैं। कोई पार्टी छोड़ने की बात कर रहा है तो कोई हाईकमान को लेकर खुलासे करने की।

सीनियर नेताअों का छूटा साथ

सूबा कन्वीनर के पद से हटाए गए गुरप्रीत घुग्गी ने अाहत हो अाज पार्टी से इस्तीफा दे दिया। घुग्गी का कहना है कि मान को प्रदेश प्रधान बनाने पर उन्हें कोई अापत्ति नहीं लेकिन पार्टी प्रतिक्रिया सही नहीं जिससे पार्टी में सीनियर नेताअों की कमी अाएगी। पार्टी को जनाधर बढ़ाने के लिए कद्दावर नेताअों की जरुरत थी लेकिन पार्टी ने उनकी कदर नहीं की। 

आप समर्थक एनआरआई को मनाना
भगवंत मान के प्रधान बनाने के बाद आप समर्थक एन.आर.आइज भी 2 धड़ों में बंटते नजर आ रहे हैं जिनमें से एक धड़ा भगवंत मान का समर्थक और दूसरा उसकी खिलाफत में खड़ा नजर आ रहा है। आप को मिल रहे फंड में एक बड़ा हिस्सा विदेश में बस रहे पंजाबियों का है। ऐसे में भगवंत के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी को खिलाफत कर रहे एनआरआई को अपने पक्ष में करना। 
 
पार्टी में फूट
भगवंत के संयोजक का पद संभालने के बाद पार्टी में फूट पड़ गई है। आप से नाराज धड़े में पार्टी के सीनियर लीडर सुखपाल सिंह खैहरा और एचएस फूलका, कंवर संधू शामिल हैं। पूर्व कन्वीर गुरप्रीत घुग्गी के नाराज हो जाने के बाद ऐसे में पार्टी में सबको एक साथ रखना भगवंत मान के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होने वाला। 

कफन में अंतिम कील साबित ना हो जाए बड़ी जिम्मेदारी  
पंजाब नगर निगम चुनाव से पहले आप में मचे कलह के बीच भगवंत मान को मिली बड़ी जिम्मेदारी उनकी राजनीतिक करियर में कफन पर अंतिम कील का काम कर सकती है क्योंकि दिल्ली में मिली हार के बाद पंजाब में भी आप के लिए जीतना किसी चमत्कार से कम नहीं है। नगर निगम के साथ गुरदासपुर लोकसभा उप चुनाव भी हो सकते हैं अगर बात करें लोकसभा उपचुनाव की तो ये सीट पारंपरिक तौर पर हिंदू बहल वाली ये सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। क्योंकि छोटेपुर भी इसी क्षेत्र से संबंधित हैं ऐसे में भगवंत मान साइड इफैक्ट यहां भी देखने को मिल सकता है। छोटेपुर भगवंत मान के पहले सियासी इंतहान सियासी रंजिश निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। एक ओर दिल्ली में कपिल मिश्रा का विवाद, दूसरी ओर पंजाब में भगवंत मान का विवाद। ऐसे में आप की इमेज पर असर पड़ सकता है, पार्टी की साख लोगों में खराब हो सकती है।

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