श्री अकाल तख्त के समक्ष उठाऊंगा गुरबाणी प्रसारण मामलाःसिद्धू

Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Oct, 2017 02:54 PM

shri akal takht will take up the issue of gurbani broadcasting case sidhu

पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने श्री दरबार साहिब से प्रसारित होने वाली गुरबाणी के प्रसारण अधिकार एक ही चैनल को दिए जाने के मामले में आवाज उठाई है।

अमृतसरः पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने श्री दरबार साहिब से प्रसारित होने वाली गुरबाणी के प्रसारण अधिकार एक ही चैनल को दिए जाने के मामले में आवाज उठाई है। पंजाब केसरी के संवाददाता रमनदीप सिंह सोढी के साथ विशेष इंटरव्यू दौरान सिद्धू ने कहा कि वह इस मामले पर श्री अकाल तख्त साहिब जाकर भी लिखित में अपनी आवाज उठाएंगे। सिद्धू ने बातचीत दौरान प्रदूषण के साथ-साथ पंजाब के अन्य मसलों व सियासत पर भी बेबाक राय रखी। पेश है नवजोत सिंह सिद्धू का खास इंटरव्यू।

सर्वसांझी बाणी का प्रसारण सिर्फ एक चैनल पर क्यों 
 

प्र. : पंजाब के लिए जरूरी मसले कौन-कौन से हैं?
उ : पंजाब में वैसे तो बहुत से मुद्दे हैं लेकिन मैं आज एक ऐसे मुद्दे की तरफ जनता का ध्यान खींचना चाहता हूं जो न सिर्फ पंजाब की बल्कि मानवता की भी पहचान है। वह मुद्दा श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बाणी का है। श्री दरबार साहिब में रोजाना इस बाणी का पाठ होता है और इस पाठ से मानवता को नई राह मिलती है। यह बाणी सर्वसांझी बाणी है। मेरा जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ है जहां हिन्दू व सिख दोनों धर्मों का मेल है। मेरी मां हिन्दू व मेरे पिता सिख हैं। मेरे दादा जी मुझे हमेशा गुरबाणी के अर्थ समझाकर जीवन को सार्थक करने की सीख देते रहे हैं। गुरबाणी कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं करती। दरबार साहिब के 4 दरवाजे हैं जो सबके लिए खुले हैं। लेकिन दरबार साहिब से प्रसारित होने वाली बाणी के प्रसारण अधिकार सिर्फ एक चैनल को देकर अन्य चैनलों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। यह हमारी पहचान है और इसका प्रसारण हर राज्य में और हर देश में हर मंच पर होना चाहिए। इसके एकाधिकार को तोड़कर इसका पूरी दुनिया में प्रचार किए जाने की जरूरत है।

 

प्र. : आप यह मुद्दा मीडिया के समक्ष उठा रहे हैं, सही मंच पर इसे क्यों नहीं उठाते?
उ : मैं इस मुद्दे पर जल्द ही श्री अकाल तख्त साहिब के पास जाऊंगा और उन्हें लिखित तौर पर इस मामले में कार्रवाई करने को कहूंगा। दुनिया के हर प्राणी का यह अधिकार है कि उसे श्री दरबार साहिब में होने वाले बाणी के उच्चारण को सुनने व देखने का मौका मिले लेकिन जब तक इस पर एकाधिकार रहेगा, ऐसा होना मुश्किल है। 

 

प्र. : आप पी.टी.वी. व फास्ट-वे को गैर कानूनी  बताते हैं लेकिन आपके राज में भी वह  बेधड़क क्यों चल रहे हैं?
उ. : बात गैर कानूनी की नहीं है, बात पक्षपात की है। पी.टी.सी. एकतरफा है, वह बादलों का गुणगान करता है। पी.टी.सी. ने पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह की स्पीच नहीं दिखाई और ऐसा करना उचित नहीं है और यदि उचित को जानकर उस पर अमल न किया जाए तो वह कायरता है। मेरे पास जो विभाग हैं, उनके लिहाज से मैं इस मामले में कार्रवाई कर रहा हूं। यदि मेरे विभाग के तहत यह आता तो मैं नोटिस निकाल कर पूरी कार्रवाई करता।

 

प्र. : तो मुख्यमंत्री पूरी कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे?
उ. : कानून ही इतना लचर बना रखा है कि कार्रवाई मुश्किल लगती है। इन लोगों ने ऐसे एकतरफा कानून बनाए कि फास्ट-वे के खिलाफ कोई कार्रवाई न हो। इन लोगों ने डी.टी.एच. पर 60 रुपए टैक्स लगाया जबकि केबल टी.वी. पर कोई टैक्स नहीं है। फास्ट-वे को हर साल 400 करोड़ रुपए का टैक्स के रूप में फायदा पहुंचाया गया और 10 साल में यह रकम 4000 करोड़ के करीब बनती है लेकिन इन्होंने केबल कारोबार में मनोपली बनाई। अब मैंने एक कानून का प्रस्ताव दिया है और उसमें 5 साल सजा का प्रावधान रखा गया था लेकिन मुझे यह बताया गया कि इतनी सजा के प्रावधान से यह बिल राष्ट्रपति के पास जाएगा जहां यह लटक सकता है, लिहाजा अब उसमें सजा कम करने पर विचार हो रहा है और नया कानून लागू करके यह मनोपली तोड़ी जाएगी। 

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