Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Jan, 2018 05:41 AM
विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर बीर दविंद्र सिंह ने कहा कि शहीदी जोड़ मेले पर एस.जी.पी.सी. के प्रबंधकों ने सिख मर्यादाओं की अवहेलना करते हुए श्री अखंड पाठ साहिब को ‘गोद’ लेने की नई व अनोखी प्रथा शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि छोटे साहिबजादों बाबा...
पटियाला(बलजिन्द्र,राणा): विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर बीर दविंद्र सिंह ने कहा कि शहीदी जोड़ मेले पर एस.जी.पी.सी. के प्रबंधकों ने सिख मर्यादाओं की अवहेलना करते हुए श्री अखंड पाठ साहिब को ‘गोद’ लेने की नई व अनोखी प्रथा शुरू कर दी है।
उन्होंने बताया कि छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह और माता गुजरी जी की शहादत की याद में जो श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ हर वर्ष 11 पौष को गुरुद्वारा श्री ज्योति स्वरूप में प्रकाश करवाए जाते थे और भोग मर्यादापूर्वक 13 पौष को डाले जाते थे। गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब के हैड ग्रंथी ज्ञानी हरपाल सिंह, मैनेजर गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब जसबीर सिंह और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के स्थानीय प्रबंधक इस बार फतेहगढ़ साहिब की शहीदी सिंह सभा में यह अखंड पाठ प्रकाश करवाना ही भूल गए।
इस भूल की खानापूर्ति के लिए दिल्ली के एक श्रद्धालु सिख दलविंद्र सिंह पुत्र महिंद्र सिंह ने रसीद नं.-13282 के अनुसार 25 दिसम्बर 2017 को गुरुद्वारा श्री ज्योति स्वरूप (फतेहगढ़) साहिब में अखंड पाठ का आरंभ करवाया था। इसके भोग श्री अखंड पाठ की मर्यादा अनुसार 27 दिसम्बर 2017 को डाले जाने थे। इस अखंड पाठ को ही प्रबंधकों ने अपनी ‘गोद’ में लेकर अरदास कर दी व सिख संगत की आंखों में धूल झोंकने का एक मर्यादाहीनता कार्य किया। दुख की बात है कि फतेहगढ़ साहिब के हैड ग्रंथी, मैनेजर व शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के स्थानीय प्रबंधक करनैल सिंह पंजोली को तो मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह की चापलूसी व दरबार साहिब के अंदर मांग-पत्र देने से ही फुर्सत नहीं मिली, फिर मर्यादा की घोर अवहेलना का फिक्र किसे करना था।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को इसकी जांच करनी चाहिए कि क्या स्थानीय प्रबंधकों ने श्री अखंड पाठ साहिब को ‘गोद’ लेने से पहले ऐसा करने के लिए श्री अकाल तख्त या शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के साथ विचार-विमर्श करके यह कार्य किया या खुद ही श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठों की मर्यादा की प्रक्रिया को ही बदल दिया।