मौत को दावत दे रहे शार्टकट रास्ते

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Oct, 2017 10:26 AM

shortcut paths to death

सड़क पर गुजरते समय न सिर्फ भारी बल्कि चौपहिया व दोपहिया वाहन चालक भी एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में शार्टकट अपनाने से बाज नहीं आ रहे। यही वजह है कि जल्द जाने के चक्कर में वाहन चालक अक्सर हादसों का शिकार हो जाते हैं।

 होशियारपुर (स.ह.): सड़क पर गुजरते समय न सिर्फ भारी बल्कि चौपहिया व दोपहिया वाहन चालक भी एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में शार्टकट अपनाने से बाज नहीं आ रहे। यही वजह है कि जल्द जाने के चक्कर में वाहन चालक अक्सर हादसों का शिकार हो जाते हैं। 

शहर से बाहर निकलने वाली सभी मुख्य सड़कें ही नहीं बल्कि शहर के भीतर बस स्टैंड व डिवाइडर वाली सड़कों पर भी लोग शार्टकट रास्ता निकालने के लिए डिवाइडर को क्षतिग्रस्त कर वहां से गुजरने में परहेज न कर अक्सर हादसों को न्यौता दे रहे हैं। यही नहीं भीड़भाड़ वाली सड़कों को पार करने के लिए दुकानदारों, रास्ते से गुजरने वाले लोगों व बस यात्रियों ने शार्टकट बना रखे हैं।

इन चौकों पर अक्सर होते हैं सड़क हादसे
पुलिस प्रशासन की तरफ से शहर के अधिकतर चौक-चौराहों पर स्पीड ब्रेकर बना दिए जाने के बाद सड़क हादसों में काफी कमी आई है लेकिन फिरभी कई चौकों पर आज भी सड़क हादसा होना आम समस्या बनी हुई है।

टांडा रोड पर बाजवा चौक से लेकर पुल तक रात के समय अंधेरा होने की वजह से प्राय: रोजाना ही हादसा हुआ करता है। इसके अलावा रामगढिय़ां चौक, प्रभात चौक, गवर्नमैंट कालेज चौक, नलोईयां चौक, जेल चौक पर ओवरटेक की वजह से तो बस स्टैंड के सामने शार्टकट की वजह से हादसों का होना अब आम समस्या बनी हुई है।

होम डिलीवरी वाले भी अपनाते हैं शार्टकट
फास्ट फूड का आर्डर हो या बाहर से ऑनलाइन आर्डर, देखने में आया है कि होम डिलीवरी करने वाले युवक समय पर माल पहुंचाने के चक्कर में शार्टकट अपना लेते हैं। कई बार देखने में आया है कि रॉन्ग साइड से जाने पर अन्य वाहन चालक भी इनके पीछे चलने लगते हैं। फिर वही रास्ता बाद में शार्टकट रास्ता आम हो जाता है।

बच्चे व बुजुर्ग हो रहे हादसों का शिकार
शहर के भीतरी हिस्सों में अवैध अतिक्रमण की वजह से भी दोपहिया वाहन चालक अक्सर शहर के भीतरी हिस्सों की संकरी गलियों से निकला करते हैं। गली में खेल रहे बच्चे व बुजुर्ग अक्सर हादसों के शिकार हुआ करते हैं, वहीं लोगों को निकलने में भी परेशानी होती है। प्रशासन को चाहिए कि मुख्य सड़कों व बस स्टैंड के सामने शार्टकट रास्तों को बंद कर दे।

सड़क हादसों की है भयावह हालत
शहर व आसपास की सड़कों पर कई बड़े कट लोगों की जिंदगी को लील रहे हैं। इसमें सरकार के साथ-साथ पुलिस प्रशासन का भी दोष है जो देखकर भी इस तरफ से आंखें मूंदे हुए है। यदि बात जिले में सड़क हादसों की करें तो पिछले 9 सालों में होशियारपुर जिले में सड़कों पर 2 हजार के करीब कीमती जानें गई हैं। जानकारी के अनुसार जिले में साल 2009 में 311 सड़क हादसों में 254, 2010 में 226, 2011 में 274, 2012 में 291, 2013 में 254, 2014 में 230, 2015 में 170, 2016 में 180 और साल 2017 में अब तक 120 लोगों की जानें सड़क हादसों की वजह से हुई हैं। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!