Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Oct, 2017 12:10 PM
पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के सहयोगी संगठन भारतीय जनता पार्टी ने अकाली दल के लिए एक नई मुसीबत खड़ी कर दी है।
जालंधर(पाहवा): पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के सहयोगी संगठन भारतीय जनता पार्टी ने अकाली दल के लिए एक नई मुसीबत खड़ी कर दी है।भाजपा ने गुरुद्वारा कमेटियों में प्रतिनिधित्व की इच्छा जताई है जिसे लेकर शिरोमणि अकाली दल परेशान हो गया है तथा इस बात को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया भी जताई जा रही है। भाजपा दिल्ली प्रदेश के सिख सैल के अध्यक्ष कुलदीप सिंह ने हाल ही में एक आयोजन के दौरान गुरुद्वारा कमेटियों में भाजपा के प्रतिनिधित्व को लेकर चर्चा छेड़ दी है।
कुलदीप सिंह ने कहा था कि भाजपा तथा शिरोमणि अकाली दल पंजाब के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी विधानसभा तथा लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ता है तो फिर गुरुद्वारा कमेटी में भाजपा-अकाली दल के साथ मिलकर क्यों चुनाव नहीं लड़ सकते। उनका कहना था कि भाजपा में भी सिख वर्ग के लोग हैं। भाजपा तथा अकाली दल का राजनीतिक गठबंधन है लेकिन अकाली दल के लोगों ने कभी भी भाजपा को धार्मिक चुनावों में भाग नहीं लेने दिया। उन्होंने यह बात करीब 12 दिन पहले दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान रखी थी लेकिन अब जब उनसे इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने इस मामले में कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला सुलझ गया है इसलिए इस पर कुछ नहीं कहा जाना चाहिए।
गौरतलब है कि अमृतसर स्थित शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ इत्यादि में ऐतिहासिक गुरुद्वारों के प्रबंधन का काम किया जाता है जबकि दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी की तरफ से राष्ट्रीय राजधानी में गुरुद्वारों का प्रबंधन देखा जाता है। दोनों धार्मिक संगठनों को दान के तौर पर करोड़ों रुपए इकट्ठे होते हैं जिन्हें शिक्षा तथा स्वास्थ्य संबंधित कार्यों पर खर्च किया जाता है। इनके माध्यम से यह दोनों धार्मिक संस्थाएं लोगों की सेवा का काम करती हैं। हाल ही में राष्ट्रीय सिख संगत जो कि भाजपा की मैंटर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एक भाग है, ने एस.जी.पी.सी. के फंडों की ऑडिट और जांच की मांग की थी। इस बात पर शिरोमणि अकाली दल ने काफी तीखा विरोध जताया था।