Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Nov, 2017 11:28 PM
पंजाब में हिंदू नेताओं की हत्या के मामले में पुलिस की ओर से गत दिवस काबू किए गए आतंकवादी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स से संबंधित शार्प शूटर हरदीप सिंह शेरा को कल देर शाम पुलिस मोगा ले आई, जिसको मोगा की अदालत में पेश किया गया। जहां से उसको 17 नवम्बर...
मोगा(ग्रोवर/आजाद): पंजाब में हिंदू नेताओं की हत्या के मामले में पुलिस की ओर से गत दिवस काबू किए गए आतंकवादी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स से संबंधित शार्प शूटर हरदीप सिंह शेरा को कल देर शाम पुलिस मोगा ले आई, जिसको मोगा की अदालत में पेश किया गया। जहां से उसको 17 नवम्बर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
जानकारी के अनुसार पुलिस, खुफिया विभाग तथा केन्द्र की विभिन्न एजैंसियों की ओर से शेरा से की जाने वाली पूछताछ के लिए एक विशेष खरड़ा तैयार किया गया है तथा पुलिस विभिन्न ब्यौरों पर काम कर रही है। हिंदू नेताओं की हत्याओं के संबंध में काबू किए रमनदीप से की गई पूछताछ दौरान चाहे शेरा नाम का व्यक्ति सामने आ गया था, लेकिन रमनदीप के पास शेरा का कोई भी पक्का पता-ठिकाना या नाम न होने के कारण पुलिस के लिए शेरा को काबू करना इज्जत का सवाल था।
सूत्रों के अनुसार रमनदीप ने पुलिस विभाग को बताया कि शेरा खन्ना तथा अमलोह इलाके का रहने वाला है, जो जिम का शौकीन होने के साथ-साथ उसके पैर में चांदी का कड़ा व कंधे पर टैटू बना हुआ है। इस सुराग का पता लगने के बाद पुलिस ने खन्ना, अमलोह तथा आसपास इलाकों में अपना जाल बिछाकर सभी जिम के आगे लगे सी.सी.टी.वी. कैमरों को खंगाला, जहां कि हरदीप सिंह शेरा पुलिस के काबू में आ गया। इसके अलावा पुलिस द्वारा मोबाइल के आई.एम.ई. नंबर तथा लोकेशनों की सहायता से भी हरदीप शेरा को काबू किया गया।
हिंदू नेताओं की हत्याओं के मामले में पुलिस की ओर से काबू किए गए रमनदीप सिंह का संबंध शेरा खुब्बन ग्रुप से होने के कारण पुलिस इस मामले की कडिय़ां नामी गैंगस्टर विक्की गौंडर व गगना हठूर के साथ जोड़ रही है। पंजाब पुलिस का फोकस अब इन गैंगस्टरों को काबू करने की तरफ है।
प्रत्येक कत्ल के बाद नया मोटरसाइकिल व असला लेने के लिए फंड के रूप में मिलते थे 4500 डालर
सूत्रों के अनुसार पंजाब में हिंदू नेताओं की हत्याओं के बदले हरदीप सिंह शेरा को कत्ल करने के लिए प्रयोग किया जाने वाला असला तथा वाहन प्रत्येक बार नया लेने का आदेश विदेश में बैठे आतंकवादी आकाओं से हुआ था तथा इस मंतव्य के लिए शेरा को 4500 डालर मिलते थे ताकि प्रत्येक कत्ल करने के बाद वह पुराना असला तथा वाहन गायब कर दूसरी घटना को अंजाम देने के लिए नया असला तथा वाहन ले, लेकिन ज्यादा पैसे बनाने की लालसा के कारण शेरा ने पुराने असले से ही अनेक वारदातों को अंजाम दिया।
रमन पर जरूरत से ज्यादा विश्वास करता था शेरा
पुलिस द्वारा काबू किए गए गैंगस्टर रमनदीप की ओर से के.एल.एफ. से संबंधित शार्प शूटर शेरा का नाम लेने के बाद हरदीप सिंह शेरा का रमन से विश्वास टूट गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार रमनदीप तथा शेरा ने हिंदू नेताओं की हत्याएं करने के अलावा एक विशेष बैठक कर कस्में खाई थी कि यदि किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है या कोई पकड़ा जाता है तो वह एक-दूसरे का नाम नहीं लेंगे। शेरा को अपने आप तथा रमनदीप पर जरूरत से ज्यादा विश्वास था, जिस कारण शेरा ने पुलिस की कोई ज्यादा परवाह नहीं की लेकिन आखिरकार शेरा पुलिस के हाथ आ ही गया।