Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Dec, 2017 10:57 AM
शैलर मजदूर मौसम में नमी बढऩे कारण मजदूरी से मद्धम पड़ गए हैं। जानकारी के अनुसार ये मजदूर अपने रोजगार के लिए बिहार,यू.पी. से यहां आते हैं अब मौसम में अधिक नमी बढऩे कारण इन मजदूरों का काम धीमा पड़ गया है, जिस कारण शैलर मालिकों में भी बेचैनी पाई जा...
लहरा मुहब्बत/गोनियाना(मनीष/गोरालाल): शैलर मजदूर मौसम में नमी बढऩे कारण मजदूरी से मद्धम पड़ गए हैं। जानकारी के अनुसार ये मजदूर अपने रोजगार के लिए बिहार,यू.पी. से यहां आते हैं अब मौसम में अधिक नमी बढऩे कारण इन मजदूरों का काम धीमा पड़ गया है, जिस कारण शैलर मालिकों में भी बेचैनी पाई जा रही है। जानकारी के अनुसार मंडी में शैलरों में माल लोड करते समय नमी की मात्रा 17 फीसदी तक होनी चाहिए।
यहां कई शैलर मालिकों ने अपना नाम गुप्त रखते बताया कि सीजन तेज होने कारण कई बार मंडी में मौजूद इंस्पैक्टर 18 या इससे अधिक नमी वाला माल भी भरवा देते हैं जिस कारण नमी का पहले से ही अधिक मात्रा वाला माल होने के कारण यह माल शैलरों में जमा हो जाता है।शैलर मालिकों ने बताया कि अधिक नमी वाला माल केंद्र सरकार को भेजते समय शैलर मालिकों को ही भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
अगर माल में नमी की मात्रा 15 फीसदी तक हो तो प्रति ट्रक 7 हजार रुपए जुर्माने का खमियाजा भी शैलर मालिक को भुगतना पड़ता है। शैलर मालिकों के मुताबिक अगर यह लोड की गाडिय़ां वापस आ जाती हैं तो उनको लोङ्क्षडग व अनलोङ्क्षडग का प्रति गाड़ी 16 हजार रुपए तक का खर्चा आता है और माल की अधिक टूट भी हो जाती है। शैलर मालिक करोड़ रुपए खर्च कर भी मायूसी में हैं। शैलर मालिकों ने माल की खरीद समय नमी की मात्रा कम कर शैलर मजदूरों के रोजगार बचाने की गुहार लगाई है।