शाही शहर पटियाला में  सीकेज वैल के नाम पर हो रही है सिर्फ खानापूर्ति

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Aug, 2017 02:17 PM

shahi city is being named in the name of sequez vala in patiala  only khanapuri

पंजाब में दिन-प्रतिदिन घटते जा रहे भू-जल स्तर से चिंतित केंद्रीय वाटर कमीशन के आदेशों के बाद पंजाब सरकार ने बरसाती पानी को रिचार्ज करने के लिए सीकेज वैल बनाने के आदेश जारी किए थे परंतु शाही शहर पटियाला में वाटर रिचाॄजग के लिए बनाए जाने वाले सीकेज...

पटियाला(राजेश, बलजिंद्र): पंजाब में दिन-प्रतिदिन घटते जा रहे भू-जल स्तर से चिंतित केंद्रीय वाटर कमीशन के आदेशों के बाद पंजाब सरकार ने बरसाती पानी को रिचार्ज करने के लिए सीकेज वैल बनाने के आदेश जारी किए थे परंतु शाही शहर पटियाला में वाटर रिचाॄजग के लिए बनाए जाने वाले सीकेज वैल बनाने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। 

हकीकत में कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। नगर निगम की तरफ  से पंजाब सरकार की तरफ  से हर घर में वाटर रिचार्जिंग के लिए सीकेज वैल बनाने के हुक्मों को पूरा करने के लिए सिर्फ  नक्शे पर मोहर लगाई जा रही है जबकि वास्तव में कोई काम नहीं हो रहा है। हालात यह हैं कि शहर की कुछ सरकारी बिल्डिंगों में जहां सीकेज वैल बने हुए हैं, उनकी संभाल तक नहीं की जा रही है। हालात यह हैं कि शहर का अंडर ग्राऊंड वाटर स्तर 110 फुट तक पहुंच गया है पिछले समय के रिकार्ड पर नजर मारी जाए तो शहर को पानी की सप्लाई पूरी करने के लिए हर साल नगर निगम को औसतन एक दर्जन ट्यूबवैल लगाने पड़ते हैं। जिन पर लगभग एक करोड़ रुपए हर साल खर्च हो रहे हैं। 

वाटर रिचार्जिंग के नाम पर नक्शे पर लगती है सिर्फ  मोहर
2 साल पहले पंजाब सरकार ने पंजाब में तेजी के साथ नीचे जा रहे पानी के स्तर को बचाने के लिए एक पत्र जारी करके 200 गज और इससे ऊपर के मकान बनाने के लिए हर घर में वाटर रिचार्जिंग व्यवस्था लगाना जरूरी कर दिया था। सरकार के आदेशों के बाद नगर निगम पटियाला की तरफ  से हर नक्शे को पास करते समय उस पर मोहर लगाई जाती है कि घर में वाटर रिचाॄजग सिस्टम लगा होना जरूरी है। यह मोहर सिर्फ  एक फार्मैलिटी बन कर रह गई है। 

पुराने सीकेज वैल की भी नहीं की जा रही संभाल 
वर्ष 2001 में पटियाला में संयुक्त नगर निगम कमिश्रर आई.ए.एस. श्री के.एस. कंग (अब सेवामुक्त) ने शहर में सार्वजनिक स्थानों पर वाटर रिचाॄजग के लिए पार्कों और साफ  स्थानों पर बोरवैल बनवाए थे। जोकि काफी देर तक चले। इनमें नगर निगम दफ्तर के पास, जोडिय़ा भट्टियां, पंजाबी बाग, माडल टाऊन और बस स्टैंड समेत कई स्थानों पर वाटर रिचाॄजग के लिए बोरवैल बनवाए थे, परंतु बाद में उनकी कोई संभाल नहीं की गई। 

कुदरती रिचार्जिंग लगातार घटती जा रही 
2 दशक पहले तक कुदरती रिचाॄजग व्यवस्था काम करती थी, परंतु लगातार बढ़ती आबादी के कारण जहां कृषि योग्य जमीन कंक्रीट बन गई वहीं गांवों और शहर में वाटर रिचाॄजग के सबसे बड़े साधन ‘तालाब’ या तो खत्म कर दिए गए हैं या फिर उनमें सीवरेज का पानी फैंक कर उनको गंदा कर दिया गया है। पंजाब में लगातार हो रही धान की खेती के कारण जमीन का रिचाॄजग सामथ्र्य घटता जा रहा है। 

वाटर रिचार्जिंग ही जमीनी पानी के स्तर को बचाने का एकमात्र हल   
 नगर निगम की वाटर सप्लाई ब्रांच में लंबा समय तैनात रहे इंजी. अरुण तिवाड़ी का कहना है कि घट रहे भूजल स्तर को बचाने के लिए वाटर रिचाॄजग ही एकमात्र हल है। उन्होंने कहा कि सभी घरों में विशेष तौर पर बरसाती पानी की रिचाॄजग की व्यवस्था को जरूरी बनाया जाए।

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