Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Nov, 2017 09:43 AM
महानगर के कुछ बदनाम होटल खुले तौर पर देह व्यापार का अड्डा बन चुके हैं। यह सब खेल पुलिस की मिलीभगत से इन होटलों में खेला जा रहा है। ऐसा नहीं है कि पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है मगर चंद रुपयों के लिए सब कुछ ताक पर रख दिया जाता है।
जालंधर(राज शर्मा): महानगर के कुछ बदनाम होटल खुले तौर पर देह व्यापार का अड्डा बन चुके हैं। यह सब खेल पुलिस की मिलीभगत से इन होटलों में खेला जा रहा है। ऐसा नहीं है कि पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है मगर चंद रुपयों के लिए सब कुछ ताक पर रख दिया जाता है। इन बदनाम होटलों में बिना आई.डी. प्रूफ लोगों को ठहराया जाता है, जो सीधे तौर पर महानगर की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन रहे हैं। शहर में जैसे-जैसे होटलों की गिनती बढ़ती जा रही है वैसे ही इन होटलों में देह व्यापार का धंधा खुले तौर पर चलने लगा है। कई कंपनियों के साथ टाईअप कर इस धंधे को ऑनलाइन बुकिंग का नाम भी दिया जा रहा है। इन होटलों में ऑनलाइन के नाम पर सब कुछ उपलब्ध है। इन बदनाम होटलों की वजह से शहर का टूरिज्म भी बदनाम हो रहा है और साफ-सुथरे होटलों पर भी इसका असर पड़ रहा है। बस स्टैंड के आस-पास और पठानकोट बाईपास पर बने कुछ बदनाम होटल खुले तौर पर इस धंधे को खेल रहे हैं।
2 घंटे का किराया 1000 से 1500 रुपए तक
देह व्यापार का धंधा करने वाले इन होटलों की खूब चांदी हो रही है। 2 घंटे का किराया 1000 से 1500 रुपए तक वसूला जा रहा है जबकि होटल नियमों के मुताबिक कोई भी किराया 24 घंटे के लिए ही वसूला जा सकता है।
काली कमाई में कई विभागों का होता है हिस्सा
शहर के इन बदनाम होटलों की देह व्यापार की काली कमाई का एक बड़ा हिस्सा कई सरकारी विभागों तक पहुंचता है। अधिकारियों की जेबें भी गर्म कर दी जाती हैं और फिर बिना कानून के डर के खेला जाता है पूरा खेल।