Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Sep, 2017 09:11 AM
डी.सी. वरिन्द्र कुमार शर्मा ने सेवा केन्द्र चलाने वाली निजी कंपनी बी.एल.एस. सॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटिड को एक शो-काज नोटिस जारी किया है। इसमें निजी कंपनी को सरकार के साथ किए गए एस.एल.ए. (सॢवस लैवल एग्रीमैंट) का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है।
जालंधर (अमित): डी.सी. वरिन्द्र कुमार शर्मा ने सेवा केन्द्र चलाने वाली निजी कंपनी बी.एल.एस. सॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटिड को एक शो-काज नोटिस जारी किया है। इसमें निजी कंपनी को सरकार के साथ किए गए एस.एल.ए. (सॢवस लैवल एग्रीमैंट) का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में चल रहे 140 सेवा केन्द्रों के सारे स्टाफ ने सोमवार को अपनी मांगों के समर्थन में अपने-अपने केंद्रों में कामकाज बंद रखकर निजी कंपनी के खिलाफ रोष-प्रदर्शन किया था जिसके कारण सुबह से लेकर शाम तक कोई सेवा केन्द्रों में कोई कामकाज नहीं हुआ और जनता को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। इसका कड़ा संज्ञान लेते हुए डी.सी. ने निजी कंपनी के जोनल हैड के नाम एक शो-काज नोटिस जारी करते हुए कहा कि एस.एल.ए. के अनुसार कंपनी ने आम जनता को सॢवस देने से इंकार किया है, इससे सरकार की साख को भी गहरा धक्का लगा है, इसलिए एस.एल.ए. में दिए गए पीनल प्रावधानों के अनुसार 1 लाख रुपए प्रति सेवा केन्द्र के हिसाब से जिले के 140 सेवा केन्द्रों के लिए कुल 1 करोड़ 40 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।
ध्यान रहे कि इससे पहले भी निजी कंपनी को 2 बार ऐसे ही जुर्माना लगाया जा चुका है। इसमें पहली बार 3 मई, 2017 को सेवा केन्द्र बंद रहने पर 1 करोड़ 40 लाख और दूसरी बार 12 जुलाई, 2017 को भी पुन: सेवा केन्द्र बंद रहने पर 1 करोड़ 40 लाख रुपए का जुर्माना लगाने की सिफारिश की गई थी।
डी.सी. ने डी.ओ.जी.आर. को लिखा पत्र
सेवा केन्द्र स्टाफ द्वारा सोमवार को कामकाज बंद रखकर की गई हड़ताल के कारण आम जनता को हुई परेशानी के संबंध में डी.सी. वरिन्द्र कुमार शर्मा ने डायरैक्टर प्रशासनिक सुधार, पंजाब (डी.ओ.जी.आर.) को एक पत्र लिखकर हड़ताल की जानकारी दी और कहा है कि जिले के सारे सेवा केन्द्र बंद रखकर जनता को सॢवस देने से इंकार किया जा रहा है इसलिए निजी कंपनी को निर्देश देते हुए जालंधर के सेवा केन्द्रों की सारी सेवाएं तुरंत प्रभाव से चालू करने के लिए कहा जाए और कंपनी के खिलाफ बनती कार्रवाई शीघ्रातिशीघ्र की जाए। इसके साथ ही डी.सी. ने सरकार के साथ हुए एग्रीमैंट की शर्तों के अनुसार निजी कंपनी को बनता जुर्माना भी लगाने की सिफारिश की है।