Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Oct, 2017 11:44 AM
फगवाड़ा नगर निगम में भाजपा मेयर व शिअद (ब) के सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के मध्य कमरों को लेकर गत कई दिनों से बना हुआ राजसी विवाद भाजपा विधायक सोम प्रकाश कैंथ द्वारा किए गए हस्तक्षेप से सुलझ ही गया।
फगवाड़ा (जलोटा): फगवाड़ा नगर निगम में भाजपा मेयर व शिअद (ब) के सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के मध्य कमरों को लेकर गत कई दिनों से बना हुआ राजसी विवाद भाजपा विधायक सोम प्रकाश कैंथ द्वारा किए गए हस्तक्षेप से सुलझ ही गया। यद्यपि कार्यालयों को लेकर निगम स्तर पर हुई इस राजनीति में सियासी तौर पर शिअद (ब) व भाजपा के मध्य कई प्रकार के राजसी बाण चले, लेकिन हकीकत यही है कि इस राजसी खेल में हर लैवल पर भाजपा ने एक के बाद एक कर शिअद (ब) को जमकर पटखनी दी है।
सुरिन्द्र सिंह वालिया का आधिकारिक दफ्तर बना दिया गया है। यानी शिअद (ब) के सीनियर डिप्टी मेयर सुरिन्द्र सिंह वालिया अब निगम में भाजपा मेयर अरुण खोसला द्वारा छोड़े गए सैकेंड हैंड दफ्तर में ही बैठा करेंगे, जबकि डिप्टी मेयर रंजीत सिंह खुराना अब सीनियर डिप्टी मेयर सुरिन्द्र सिंह वालिया के दफ्तर में बैठेंगे। राजसी गतिविधियों का बारीकी से अध्ययन करने वाले माहिरों के अनुसार उक्त मामले में भाजपा विधायक सोम प्रकाश कैंथ की जहां बड़ी जीत हुई है। इस प्रकरण ने भाजपा द्वारा शिअद (ब) को अब प्यार से दी जोरदार राजसी पटखनी के रूप में देखा जा रहा है।
शिअद (ब) के नेता बुरी तरह से रहे असफल
अहम पहलू यह है कि जो अकाली नेता दफ्तरों को लेकर मीडिया में कई प्रकार के दावे कर रहे थे, उनको अब इस सवाल का जवाब ढूंढते नहीं मिल पा रहा है कि आखिर सीनियर डिप्टी मेयर को भाजपा मेयर का सैकेंड हैंड दफ्तर क्यों दिया गया है। बात तो तब होती जब भाजपा मेयर के बराबर शिअद (ब) के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर को मेयर कार्यालय जो पहले निगम कमिश्रर का दफ्तर रहा है, के साथ एडजस्ट किया जाता।
ऐसा करवाने में शिअद (ब) के नेता जहां बुरी तरह से असफल रहे, वहीं भाजपा नेतृत्व ने शिअद (ब) को वह दफ्तर सौंपा जो खुद भाजपा मेयर द्वारा रिजैक्ट कर छोड़ा गया था। इस प्रकरण को लेकर फगवाड़ा में यह चर्चा लोगों में आम हो गई है कि जो दफ्तर भाजपा मेयर अरुण खोसला द्वारा छोड़ गया वह सैकेंड हैंड दफ्तर अब अकाली दल (ब) के सीनियर डिप्टी मेयर के हिस्सा आ गया है।