Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Mar, 2018 09:33 AM
साइंस सिटी टिकट घोटाले के मामले को दबाने का हर तरफ से खेल रचा जा रहा है। टिकट घोटाले में पुलिस ने 2 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। मगर महीनों पुलिस आरोपियों के गिरेबां तक नहीं पहुंच पाई और आरोपी हाईकोर्ट से जमानत भी लेकर आ गए। घोटाले से जुड़े किसी...
जालंधर(रविंदर शर्मा): साइंस सिटी टिकट घोटाले के मामले को दबाने का हर तरफ से खेल रचा जा रहा है। टिकट घोटाले में पुलिस ने 2 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। मगर महीनों पुलिस आरोपियों के गिरेबां तक नहीं पहुंच पाई और आरोपी हाईकोर्ट से जमानत भी लेकर आ गए। घोटाले से जुड़े किसी भी दस्तावेज को पुलिस अभी तक अपने कब्जे में नहीं ले पाई है और ऐसे लग रहा है जैसे पुलिस पूरे खेल को दबाने में लगी हो। घोटाले से जुड़े अन्य किसी भी पहलू तक न तो साइंस सिटी प्रबंधन ने पहुंचने का प्रयास किया और न ही पुलिस ने।
गौर हो कि लंबे समय से साइंस सिटी में चल रहे टिकट घोटाले का पर्दाफाश पंजाब केसरी ने ही किया था। पर्दाफाश होने के बाद इस मामले में एक जांच कमेटी बिठाई गई थी। हालांकि जिन लोगों पर खुद घोटाले के आरोप लगे थे, उन्हें भी जांच कमेटी में शामिल किया गया था, जिस कारण उच्च स्तर पर कोई भी अधिकारी जांच की चपेट में न आ सका और जांच कमेटी ने लंबे समय से चल रहे टिकट घोटाले को कुछ लाखों का घोटाला बताकर अपनी रिपोर्ट सबमिट कर दी थी। यही नहीं खानापूर्ति करते हुए 2 मुलाजिमों के खिलाफ केस की सिफारिश भी की थी। इसके बाद कपूरथला सदर थाना में 2 आरोपियों के खिलाफ आई.पी.सी. की धारा 420 व 408 के तहत केस दर्ज किया गया था। केस दर्ज करने के बाद पुलिस अपनी ड्यूटी भूल गई थी। न तो आरोपियों को गिरफ्तार करने का कोई प्रयास किया गया था और न ही पुलिस ने घोटाले से जुड़े दस्तावेजों को अपने कब्जे में लेकर जांच का कोई प्रयास किया। नतीजतन आरोपियों को इस मामले में हाईकोर्ट से जमानत तक मिल गई और पुलिस हाथ पर हाथ धरे तमाशा देखती रही।
हालांकि प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आ गई थी कि यह टिकट घोटाला 2009 से ही चल रहा था। पूरे घोटाले का पर्दाफाश करने वाले साइंस सिटी के ईमानदार अधिकारियों के खिलाफ भी उच्च स्तर से प्रोमोशन न करने की तलवार लटकाई जा रही है और कुछ ऐसे अधिकारियों को प्रोमोट करने का प्रयास किया जा रहा है, जिनका इस घोटाले से सीधा ताल्लुक था। साइंस सिटी के कुछ कर्मचारियों ने ही अब इस घोटाले की आवाज ऊपर तक उठाने का मन बना लिया है। कर्मचारियों का कहना है कि टिकट घोटाले के साथ-साथ भर्ती को लेकर भी कई तरह की शिकायतें उच्चाधिकारियों व केंद्रीय मंत्रालय तक पहुंचाई जा रही हैं, जिससे आने वाले दिनों में यह मामला एक बार फिर से सुलग सकता है। साइंस सिटी के ही कुछ कर्मचारियों ने अब टिकट घोटाले की जांच विजीलैंस या सी.बी.आई. से करवाने की मांग की है।