Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Oct, 2017 10:37 AM
बेनामी एक्ट 2016 के तहत इंकम टैक्स विभाग के समक्ष एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक रईसजादे ने करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी को अपने एक कर्मचारी के नाम कर रखा है। जानकारी के अनुसार इंकम टैक्स विभाग को पता चला कि एक प्रतिष्ठित स्कूल के मालिक ने अपने एक...
अमृतसर (नीरज): बेनामी एक्ट 2016 के तहत इंकम टैक्स विभाग के समक्ष एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक रईसजादे ने करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी को अपने एक कर्मचारी के नाम कर रखा है। जानकारी के अनुसार इंकम टैक्स विभाग को पता चला कि एक प्रतिष्ठित स्कूल के मालिक ने अपने एक कर्मचारी के नाम 11 एकड़ जमीन कर रखी है जिसकी कीमत करोड़ों रुपए में बनती है।
इस पर विभाग ने संबंधित जमीन को अटैच कर दिया है और बकायदा माल विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी भी दे दी है ताकि कोई व्यक्ति न तो इस जमीन को खरीद सके और न ही इस जमीन की बिक्री हो सके। इसके साथ साथ लोहारका रोड व अन्य इलाकों में कई कॉलोनियों का पता चला है जहां बेनामी प्रॉपर्टी का कारोबार चल रहा है। विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो इंकम टैक्स विभाग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व वित्त मंत्री अरुण जेतली के आदेश का पालन करते हुए इन बेनामी प्रापर्टीज को जब्त करने की कार्रवाई शुरु करने जा रहा है।
इस मामले में किसी प्रकार का दबाव भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा क्योंकि पी.एम. ऑफिस से स्पष्ट आदेश है कि बेनामी प्रॉपर्टी में इन्वैस्ट किए गए काले धन को निकाला जाए और सरकार के नाम इन प्रापर्टीज को किया जाए। विभाग की तरफ से बेनामी एक्ट के तहत 80 से 100 करोड़ की प्रॉपर्टी विभाग जब्त करने की तैयारी कर रहा है और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ बेनामी एक्ट के तहत कार्रवाई होना भी तय माना जा रहा है। एक्ट के अनुसार प्रॉपर्टी जब्त करने के अलावा एक से 7 वर्ष का कारावास व इसमें कोई जमानत न होने का प्रावधान है।
फंस सकते हैं कई कालोनाइजर्स
बेनामी एक्ट 2016 की बात करें तो इंकम टैक्स विभाग ने अभी पहले ही केस में 90 के करीब बेनामी प्रॉपर्टी अटैच कर दी हैं। शुरुआती जांच के अगले चरण में कई कालोनाइजर्स विभाग के शिकंजे में फंस सकते हैं। कुछ कालोनियों में असल मालिकों ने अपने उन कर्मचारियों के नाम से प्रॉपर्टी का क्रय-विक्रय कर रखा है जो बहुत ही गरीब हैं। इन कालोनियों का माल विभाग में रिकार्ड खंगालने पर कई नए चेहरे सामने आ सकते हैं जो अभी तक इस बेनामी एक्ट के शिकंजे में नहीं आए हैं फिलहाल विभाग की तरफ से जिस गंभीरता के साथ बेनामी एक्ट के तहत कार्रवाई शुरु की गई है उससे स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में बड़ी कार्रवाई संभव है।
प्रॉपर्टी कारोबार का फिर होगा पतन
पंजाब में डूब चुके प्रॉपर्टी कारोबार को फिर से जीवित करने के लिए बेशक पंजाब की कैप्टन सरकार ने जहां स्टाम्प ड्यूटी कम की है और कुलैक्टर रेट भी कम कर दिए हैं लेकिन रजिस्ट्री दफ्तरों में इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा है। बेनामी एक्ट को जिस प्रकार से इंकम टैक्स विभाग सख्ती के साथ लागू कर रहा है उससे यह तय है कि आने वाले दिनों में प्रॉपर्टी का कारोबार फिर से पूरी तरह डूब सकता है।
वे धन कुबेर जो अपने नाम की बजाय अपने रिश्तेदारों व कर्मचारियों के नाम पर प्रॉपर्टी बेच व खरीद रहे हैं वे अंडरग्राऊंड हो जाएंगे और सिर्फ जरूरतमंद लोग ही जमीन-जायदाद खरीदेंगे या बेच सकेंगे। नोटबंदी व जी.एस.टी. के बाद पहले ही प्रॉपर्टी का कारोबार कम होता जा रहा है वहीं बेनामी एक्ट की सख्ती से यह तय है कि प्रॉपर्टी कारोबार का पतन हो सकता है।
बेनामी एक्ट में कार्रवाई करने में अमृतसर जिला नंबर वन
1 नवम्बर 2016 से लागू बेनामी एक्ट को बेशक पूरे देश में लागू किया जा चुका है और इंकम टैक्स विभाग का स्पैशल विंग इसकी हर राज्य में जांच कर रहा है लेकिन प्रॉपर्टीज अटैच करने के मामले में अमृतसर जिले में स्थित इंकम टैक्स कमिश्नरेट ऑफिस पूरे पंजाब में नंबर-1 माना जा रहा है। जितनी बेनामी प्रॉपर्टी अमृतसर में अटैच की जा रही है उतनी अभी तक किसी अन्य जिले में नहीं की गई है।