Edited By Updated: 06 Feb, 2017 04:01 PM
पंजाब सरकार ने सतलुज-यमुना लिंक (एस.वाई.एल.) नहर बनाने के लिए एक्वायर की गई जमीन किसानों को भले ही लौटा दी है, परंतु
रूपनगर(कैलाश): पंजाब सरकार ने सतलुज-यमुना लिंक (एस.वाई.एल.) नहर बनाने के लिए एक्वायर की गई जमीन किसानों को भले ही लौटा दी है, परंतु एस.वाई.एल. के साथ गांव मलिकपुर में लगने वाला मलिकपुर पावर हाऊस जिसके लिए पंजाब सरकार ने लगभग 300 एकड़ भूमि एक्वायर की थी, वह न तो किसानों को लौटाई गई और न ही वहां पर प्रोजैक्ट शुरू हो सका। उक्त कारणों के चलते पंजाब सरकार द्वारा भूमि का एक बड़ा भाग जंगलात विभाग को सौंप दिया गया जिसके कारण गांवों के चारों तरफ जंगल बन जाने से गांव वासियों में जहां दहशत का माहौल है, वहीं उनमें रोष भी फैला हुआ है।
आधा दर्जन गांवों की जमीन हुई थी एक्वायर
एस.वाई.एल. के लिए रूपनगर के समीप आधा दर्जन गांवों की जमीन एक्वायर की गई थी। सूत्रों के अनुसार जब एस.वाई.एल. नहर का निर्माण शुरू किया गया था तो उस समय गांव मलिकपुर, खुआसपुर चंदपुर, डकाला, कटली आदि गांवों की जमीन पंजाब सरकार द्वारा एक्वायर की गई थी। इसके साथ ही एक मलिकपुर पावर हाऊस स्थापित किया जाना था ताकि एस.वाई.एल. के पानी से उक्त पावर हाऊस को चलाया जा सके। मलिकपुर पावर हाऊस के लिए लगभग 300 एकड़ जमीन एक्वायर की थी। हरियाणा तथा पंजाब की आपसी लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद पंजाब सरकार ने सभी किसानों को एक्वायर की गई उक्त जमीन वापस लौटाने की प्रक्रिया चुनावों से कुछ समय पहले ही शुरू कर दी थी परंतु दूसरी तरफ जो पंजाब सरकार के पास 300 एकड़ भूमि पावर हाऊस के लिए रखी गई थी वह आज तक वापस नहीं की गई।
जंगलात विभाग को जमीन सौंपने से बना जंगल
इस संबंधी गांव खुआसपुरा के सरपंच रूपेन्द्र सिंह रूपा तथा अन्यों ने बताया कि पंजाब सरकार ने जो उक्त 300 एकड़ भूमि पावर हाऊस बनाने के लिए एक्वायर की थी वह एस.वाई.एल. के चालू न होने के कारण ठप्प होकर रह गया, परंतु पंजाब सरकार ने उक्त जमीन को संबंधित किसानों को वापस नहीं किया, जबकि दूसरी तरफ उक्त जमीन में से लगभग 90 एकड़ भूमि जंगलात विभाग को दे दी गई जिसके कारण उक्त भूमि में चारों तरफ जंगल फैल गया है और जंगल होने के कारण वहां पर रहते जंगली जीव किसानों की फसलों का भारी नुक्सान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जंगली हिरण, सूअर आदि किसानों की फसल को बर्बाद कर देते हैं जिससे उन्हें भारी नुक्सान पहुंच रहा है। इसके अतिरिक्त रूपा ने बताया कि जंगल बनने के कारण लोगों में दहशत का माहौल भी है।
सरकार को हो सकती है लाखों की आमदन
इस संबंधी सरपंच रूपेन्द्र सिंह रूपा ने पंजाब सरकार से आग्रह किया था कि मलिकपुर पावर हाऊस के लिए एक्वायर की गई जमीन को जंगलात विभाग को न सौंपा जाए, जबकि दूसरी तरफ अगर सरकार उक्त जमीन को किसानों को वापस नहीं लौटाना चाहती तो इसे किसानों को बिजाई के लिए लीज पर दे दिया जाए जिससे किसान भी अपना जीवन निर्वाह कर सकेंगे और सरकार को भी लाखों रुपए की वाॢषक आमदन मिल सकेगी।