Edited By Updated: 06 Dec, 2016 04:18 PM
शिरोमणि अकाली दल नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के लिए सरबत खालसा बहुत बड़ी मुसिबत बनी हुई
तलवंडी साबो (मुनीश) : शिरोमणि अकाली दल नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के लिए सरबत खालसा बहुत बड़ी मुसीबत बना हुअा है क्योंकि कट्टरपंथी समूहों सहित विभिन्न सिख संगठनों के कार्यकर्ता सिख संस्थानों को राजनीतिक प्रभाव से मुक्त कराने की मांग कर रहे हैं। सिखों का वृहद जमावड़ा सरबत खालसा का अंतिम बार 1986 में आयोजन हुआ था जिसके बाद श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार भाई ध्यान सिंह मंड और भाई बलजीत सिंह दादूवाल ने एेलान किया था कि 8 दिसम्बर को सरबत खालसा होगा,अगर किसी ने इसे रोकने की कोशिश की तो पूरा पंजाब बंद कर दिया जाएगा।
सरबत खालसा करवाने को लेकर पंथक संगठनों ने तलवंडी साबो में रातो-रात सरबत खालसा वाली जगह पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश करवा दिया। पुलिस रात भर सोती रही इसलिए उन्हें इस बात की भनक तक नहीं लगने दी। अब बड़ी तादाद में पुलिस वहां पहुंच रही है क्योंकि वहां बड़ा घमासान होने की संभावना है। सरकार किसी भी सूरत में खालसा रोकेगी जबकि पंथक संगठन हर हाल में सरबत खालसा करना चाहते हैं । अगर पुलिस ने ग्रन्थ साहिब को हटाना चाहा तो सिख सख्त विरोध करेंगे।
वहीं सरबत खालसा को लेकर पंजाब सरकार द्वारा सख्ती कर दी गई है जिस के चलते पुलिस ने स्थानीय मंडी चौंक से भाई गुरदीप सिंह और उनके चार साथियों को हिरासत में ले मौड़ मंडी के पुलिस थानो में भेज दिया है। उधर हाईकोर्ट के अादेश पर डी.सी.भटिंडा को पत्र सौंपने गए चमकौर सिंह भाईरूपा तथा बाबा सुखदेव सिंह जोगानंदा जिला प्रधान यूनाइटेड अकाली दल से गिरफ्तार कर लिया गया।