डेरा सच्चा सौदा विवादः सलाबतपुरा डेरे की सुरक्षा में वृद्धि, रेल मार्ग पूरी तरह बंद

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Aug, 2017 01:26 PM

sant ram rahim

डेरा मुखी के साध्वी यौन शोषण मामले में आरोप सिद्ध होने के बाद राज्य में चल रहे तनाव को देखते हुए जहां पंजाब के कुछ जिलों में प्रशासन को कर्फ्यू

भटिंडा (विजय): डेरा मुखी के साध्वी यौन शोषण मामले में आरोप सिद्ध होने के बाद राज्य में चल रहे तनाव को देखते हुए जहां पंजाब के कुछ जिलों में प्रशासन को कर्फ्यू लगाना पड़ा, वहीं जिला भटिंडा में भी स्थिति को भांपते हुए जिला प्रशासन ने  कर्फ्यू लगाया। आज तीसरे दिन  कर्फ्यू में पूर्ण ढील दी गई, जबकि रविवार रात 9 बजे से सोमवार सुबह 7 बजे तक  कर्फ्यू लगाने के जिलाधीश ने निर्देश दिए। भटिंडा में स्थिति सामान्य होती जा रही है परन्तु लोगों के दिलों से भय नहीं निकला है क्योंकि सोमवार 28 अगस्त को न्यायाधीश द्वारा सजा का ऐलान किया जाना है।

अर्द्धसैनिक बलों में वृद्धि  
डेरा सच्चा सौदा के पंजाब के  सबसे बड़े डेरे सलाबतपुरा में गत 3 दिनों से लगातार कर्फ्यू जारी है। स्थिति की नाजुकता को देखते हुए वहां अद्र्धसैनिक बलों में वृद्धि की गई व डेरे के नजदीक परिंदा भी पर न मारे ऐसे प्रबंध किए गए हैं। कर्फ्यू के कारण किसी को भी डेरे के नजदीक आना तो दूर सड़कों पर भी नहीं चलने दिया जा रहा। पुलिस ने डेरे के सभी समर्थकों को समझा कर घर भेज दिया, जबकि केवल आधा दर्जन सेवादारों को अंदर रहने की छूट दी है। पुलिस ने डेरे की तलाशी भी ली लेकिन ऐसा कोई सुराग हाथ नहीं लगा जो आपत्तिजनक हो। डेरा सलाबतपुरा के अलावा 10 अन्य डेरों की भी सुरक्षा बढ़ाई गई। सभी डेरे पुलिस की सघन निगरानी में हैं व डेरे के अंदर किसी को जाने की इजाजत नहीं है। डेरों के साथ लगते 10 गुरुद्वारों पर भी पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है। 

आने-जाने वाली सभी रेलगाडिय़ां रद्द 
डेरा विवाद को लेकर भटिंडा में आने-जाने वाली सभी रेलों को रद्द कर दिया गया है, जिससे यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। स्टेशन पर अभी भी 200-250 यात्री गत 3 दिनों से रुके हुए हैं। कुछ सामाजिक संस्थाएं उनके खाने-पीने का प्रबंध कर रही हैं परन्तु इन यात्रियों को अपने घर पहुंचने की कोई सुविधा नहीं मिली। रेलवे अधिकारियों के अनुसार सोमवार के बाद ही रेलों का आवागमन सम्भव है।यात्रियों की सुविधा के बारे में रेल स्टेशन सुपरिंटैंडैंट ने कहा कि उनके पास ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की कि यात्रियों को कहीं ठहराया जा सके, वह तो केवल उनकी सुरक्षा व नहाने-धोने का प्रबंध कर सकते हैं। अब जबकि बसें चलनी शुरू हो गईं तो घोषणा कर दी गई है कि अगर कोई जाना चाहे तो बसों से जा सकता है। 

संवेदनशील जगहों पर कड़े सुरक्षा प्रबंध
डेरा विवाद को लेकर सुरक्षा बलों की विभिन्न टीमों द्वारा नाकाबंदी करके पूरा दिन वाहनों की चैकिंग की गई। इस दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से जिले की संवेदनशील व सार्वजनिक स्थलों पर कड़े सुरक्षा प्रबंध किए हैं व बड़ी संख्या में पुलिस व पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों की तैनाती की गई है। शहर में पुलिस व अन्य सुरक्षा बलों की ओर से लगातार मार्च किया जारी रहा, जबकि विभिन्न चौकों में विशेष नाकाबंदी रही। महानगर व आसपास स्थित डेरों पर भी कड़ा पहरा रखा गया। खुफिया तंत्र की ओर से भी डेरा प्रेमियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। 

कर्फ्यू हटने के बावजूद कर्फ्यू जैसे हालात
महानगर में कर्फ्यू हटाने के बावजूद अधिकांश इलाकों में कफ्र्यू जैसे ही हालात रहे। रविवार के कारण भी अधिकांश बाजार नहीं खुले व ज्यादातर दुकानें बंद रहीं। अमरीक सिंह रोड पर हर रविवार को लगने वाला ‘संडे बाजार’ भी नहीं लग पाया। संडे बाजार में इक्का-दुक्का लोगों ने अपनी स्टालें लगाईं लेकिन खरीददार नदारद रहे। इसके साथ ही शहर के मुख्य बाजारों में भी सन्नाटा पसरा रहा। रविवार के कारण बेहद कम लोग घरों से बाहर निकले। बेशक प्रशासन ने रविवार को पूरा दिन कर्फ्यू हटाए रखा लेकिन 28 अगस्त को फिर से कर्फ्यू लगाए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। 

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