Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Dec, 2017 10:26 AM
सिखों की सिरमौर संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पर जब से बादल परिवार का कब्जा हुआ है तब से यह सिख पंथ के भले का कोई काम नहीं कर सकी। अब हालात और भी बुरे हो गए हैं। बादलों ने शिरोमणि कमेटी की कुर्बानियों भरे इतिहास को अनदेखा कर एक ऐसे सख्त को...
तलवंडी साबो (मुनीश): सिखों की सिरमौर संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पर जब से बादल परिवार का कब्जा हुआ है तब से यह सिख पंथ के भले का कोई काम नहीं कर सकी। अब हालात और भी बुरे हो गए हैं। बादलों ने शिरोमणि कमेटी की कुर्बानियों भरे इतिहास को अनदेखा कर एक ऐसे सख्त को प्रधान बना दिया जो अपने सियासी लाभ के लिए डेरा सिरसा में वोटें मांगने के लिए जा चुका है और ऐसा करके बादलों ने शिरोमणि कमेटी को नुक्सान पहुंचाया है। उक्त शब्दों का प्रकटावा तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने किया।
उन्होंने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को अस्तित्व में लाने के लिए सिखों को बड़ी कुर्बानियां करनी पड़ी हैं लेकिन अब लगातार शिरोमणि कमेटी पर काबिज शिरोमणि अकाली दल के नेताओं द्वारा ऐसी कार्रवाइयां की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि गोङ्क्षबद सिंह लौंगोवाल एक सियासी नेता हैं और उन्होंने पिछले विधान सभा चुनावों में अपने वोट बैंक के लिए डेरा सिरसा मुखी के आगे घुटने टेके हैं।
सरबत खालसा जत्थेदार साहिबान ने दोषी मानते हुए उनका सामाजिक व धार्मिक बायकाट करने का संगत को आदेश दिया हुआ है, परन्तु इस सभी को नजरअंदाज कर बादलों ने गोङ्क्षबद सिंह लौंगोवाल को शिरोमणि कमेटी का अध्यक्ष बनाकर शिरोमणि कमेटी का भोग ही डाल दिया है। उन्होंने कहा कि समूह सिख पंथ गोङ्क्षबद सिंह लौंगोवाल को शिरोमणि कमेटी का प्रधान स्वीकार नहीं करेगा।